नागरिक कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) करें

Khoji NCR
2021-04-19 11:07:39

लापरवाही भरा रुख पड़ सकता है भारी सार्वजनिक जगह पर थूकने पर जुर्माना व सजा दोनों का प्रावधान खोजी एनसीआर साहून खांन नूंह नूंह, 19 अप्रैल उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने आह्वïान किया है कि सार्वज

िक स्थानों पर थूकने के कारण भी कोरोनावायरस फैलने का खतरा रहता है। जिला के सभी नागरिक कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) करें और सार्वजनिक जगह पर ना थूकें। सार्वजनिक जगह पर थूकने पर जुर्माना व सजा दोनों का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सडक़ों पर खुले में थूकने वाले लोग इस बात से बिल्कुल बेपरवाह रहते हैं कि वे अगर किसी भी तरह के संक्रमण से प्रभावित हैं तो वह खुले में थूककर कितनी तेजी से संक्रमण फैला रहे हैं। डीसी ने कहा कि लोग अक्सर सार्वजनिक स्थानों सडक़ों के डिवाइडर, किनारे, इमारतों की सीढिय़ों और कोनों पर गुटखा, पान और खैनी लेने के बाद थूकते हैं। बाजार की मुख्य गलियों में बहुत बुरा हाल है। यह ट्रेंड बहुत ही खतरनाक है। यह न केवल कोरोनावायरस का संक्रमण फैलाने का कारण बनता है बल्कि अन्य बीमारियां भी इसी तरह के व्यवहार के कारण होती हैं। लोगों को अपना व्यवहार बदलना होगा। कोरोना वायरस मुक्त माहौल बनाने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन करने के वास्ते लोगों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि लोगों ने कोविड-19 महामारी के प्रति लापरवाही भरा रुख अपनाया जो बहुत खतरनाक है। संक्रमण की श्रृंखला तोडऩे के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार सबसे बड़ा सामाजिक उपकरण है। उन्होंने कहा कि लोगों को खुद ही अपने आप को बदलना होगा। व्यावहारिक रूप से भी केवल जुर्माने व सजा के प्रावधान से ही लोग नहीं बदल सकते। इसके लिए अपने व्यवहार को खुद ही बदलना चाहिए। सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव ने बताया कि सार्वजनिक जगह पर थूकना बहुत बुरी आदत है इस आदत को लोगों को तुरंत छोडऩा चाहिए। यह कोरोनावायरस सहित तमाम गंभीर बीमारियां फैलाने का मुख्य कारण होता है। उन्होंने कहा कि यह आदत स्वच्छता और हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती भी पेश कर रहा है। अब समय आ गया है कि इस बुरी आदत को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए। इससे ना केवल बुनियादी स्वच्छता का स्तर बढ़ेगा बल्कि कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी को समझ लेना चाहिए कि जब हम जमीन पर थूकते हैं तो सबसे पहले हमारे थूक के कण जो कि सूक्ष्मता के कारण हमें नजर नहीं आ रहे होते वे सीधे दूसरे के समीप खड़े लोगों पर गिर रहे होते हैं। यही थूक जमीन के ऊपरी सतह पर होने के कारण धूल के साथ मिलकर अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमण को फैला रहा होता है। इस महामारी के समय में ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत को हमेशा के लिए बदलना होगा।

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