इस्लामाबाद । पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री डॉक्टर शिरीन माजरी ब्रिटेन पर इस कदर भड़की हुई हैं कि उन्होंने इसमें भारत को भी शामिल कर लिया है। दरअसल उनके भड़कने की वजह ब्रिटेन द्वारा पा
िस्तान को रेड लिस्ट में डालना बनी है। इसके तहत ब्रिटेन ने पाकिस्तान ेस आने वालों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तानियों के लिए कोरोना के लक्षण आने पर उन्हें ब्रिटेन ने क्वारंटीन करने को जरूरी बताया है जबकि ये नियम भारतीयों पर लागू नहीं है। आपको बता दें कि एक पाकिस्तानी नागरिक ने ट्वीट किया था जिसमें उसने बताया था कि उसको क्वारंटीन के लिए ब्रिटेन में 1750 पाउंड प्रति व्यक्ति खर्च करना पड़ रहा है। इसके जवाब में माजरी ने ट्वीट किया है कि ये पूरी तरह से अमानवीय है। ये नियम केवल उन्हीं लोगों पर लागू हो रहा है जो पाकिस्तानी हैं या पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। ये नियम भारतीयों पर लागू नहीं हो रहा है जबकि वहां पर विश्व में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उनके मुताबिक पाकिस्तान को रेड लिस्ट किए जाने की बड़ी वजह पाकिस्तान से किया जाने वाला दुर्व्यवहार ही है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ये ब्रिटेन के पाकिस्तानियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाता है। अपने ट्वीट में उन्होंने उस पाकिस्तानी नागरिक का भी वीडियो शेयर किया है जिसके ट्वीट पर उन्होंने जवाब दिया था। इन लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें खाने को भी कुछ नहीं दिया जा रहा है और छोटे बच्चों को जो खाना मिल रहा है वो बेहद ठंडा है जिससे बच्चे बीमार हो सकते हैं। इन लोगों का कहना है कि करीब 18-19 परिवारों के साथ इस तरह का रवैया अपनाया जा रहा है। क्वारंटीन हुए एक पाकिस्तानी नागरिक का कहना है कि ब्रिटेन को मानवाधिकारों के तहत ही सही लेकिन पाकिस्तानियों के साथ अच्छा सुलूक करना चाहिए। आपको बता दें कि 2 अप्रैल को ब्रिटेन के हाई कमिश्नर क्रिस्टियन टर्नर ने कहा था कि ब्रिटेन ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके चलते पाकिस्तान को उस रेड लिस्ट में डाला गया है, जिसमें पहले से कुछ अन्य देश शामिल हैं। इस आदेश के साथ ही पाकिस्तान से केवल आईरिश और ब्रिटिश मूल के नागरिक ही ब्रिटेन जा सकते हैं। हालांकि ब्रिटेन ने पाकिस्तान से जाने वाली सीधी उड़ानों को रद नहीं किया था। ब्रिटेन के इस आदेश का कई पाकिस्तानी नागरिकों ने विरोध भी किया है।
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