तावडू, 18 अप्रैल (दिनेश कुमार): शहर व क्षेत्र में नवरात्र महोत्सव के छठे दिन रविवार को माता के छठे रूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना श्रद्धापूर्वक की गई। नवरात्र को लेकर पूरे नवरात्रे रखने वाले श
्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला। वहीं शहर में नवरात्र के चलते कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने दिन में जागरण करे। शहर के वार्ड नंबर 14 में स्थित श्रीसाईं धाम मंदिर के पुजारी धर्मेन्द्र आचार्य ने बताया कि मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना से मनुष्य को बडी सरलता से अर्थ, धर्म, काम और मौक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है, उपासक के रोग, शोक, संताप व भय आदि भी नष्ट हो जाते है। बताया जाता है कि महिषासुर के विनाष के लिए महर्षि कात्यान ने तप करके देवी से वरदान मांगा की आप मेरे कुल में पुत्री के रूप में जन्म लें। प्रार्थना स्वीकार कर देवी ने ऋषि कुल में जन्म लिया। इसी कारण मां देवी का नाम कात्यायनी पड़ा। मां पापों को नष्ट करने वाली है। नवरात्र महोत्सव के छठे दिन रविवार को भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला। पूरा शहर मां के जयकारों से गुणजायमान रहा।
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