होडल, 16 अप्रैल, डोरीलाल गोला अक्सर देखा है कि जब कोई राजनैतिक व्यक्तित्व दुनिया छोडक़र चला जाता है तो उनके परिजनों का मुख्यधारा की राजनीति से अलगाव सा होता चला जाता है। इसकी मुख्य वजह यही होती
ै कि जिस नेता को वो अपना करीबी साथी मानकर चलता है, उस करीबी नेता की व्यस्तता या लापरवाही की वजह से उसके परिजन दूर होते चले जाते हैं। पर ये मिथक अब टूटते हुए दिख रहा है। अभी बीते दिनों होडल से बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी स्व. राधेश्याम कालड़ा निधन हो गया था। सभी छोटे बड़े नेता, गणमान्य लोग उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। आमधारणा के अनुसार ये माना जा रहा था कि स्व. कालड़ा के जाने के बाद परिवार राजनैतिक तौर पर बिखर जाएगा। पर ये चित्र जिसमे लोकसभा फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर स्व. राधेश्याम कालड़ा के सुपुत्र मनोनीत पार्षद श्री मोनू कालड़ा जी का स्वागत करते दिख रहे हैं, उसे देखकर लगता नही की बिखरेगा। जब इस चित्र की सच्चाई का पता लगाया तो पता चला कि बाबा साहब अंबेडकर जयंती के बाद एक निजी समारोह में जहां सांसद कृष्णपाल गुर्जर, पलवल से विधायक दीपक मंगला, हरियाणा सरकार में मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा आदि का स्वागत किया जा रहा था तो सांसद फरीदाबाद ने आगे बढक़र मोनू कालड़ा का स्वागत किया और कहा कि कभी अपने आपको अकेला मत समझना। मैं सदैव तुम्हारे साथ हूँ। सांसद का ये व्यवहार दिखाता है कि वे एक जमीनी नेता हैं जिन्हें रिश्तों की फिक्र है। उनका यही व्यवहार आज उन्हें आमजन के साथ-साथ सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक का चहेता बनाए हुए है। पिता के निधन के तुरंत बाद पार्षद मोनू कालड़ा की सक्रियता भी ये दर्शाती है कि वे अपने पिता के दिखाए रास्तो को ईमानदारी से तय करेंगे और अवश्य ही आने वक्त में आमजन की आवाज बनेंगे। फोटो कैप्शन:- 16 फोटो 1
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