खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। ग्रामीणों ने बताया कि सर्वे वाले एरिया से दूर हो रखा है सेंटर को आंगनवाड़ी सेंटर और बच्चों के हक के रास्ते से भर रही हैं अपने घर का पेट ग्रामीणों ने बताया कि अगर मो
ल्ले के बच्चे सेंटर पर जाते हैं। तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है। कि इन बच्चों के नाम हमारी सर्वे में नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि जिन परिवारों की सर्व है। वह बच्चे सेंटर पर नहीं पहुंच पाते और मोहल्ले के बच्चों को राशन नहीं दिया जाता आखिर वह राशन वर्कर और हेल्पर के परिवार का पेट भरता है गांव के अयूब सेकेट्री ने बताया कि हमारे मोहल्ले का सेंटर शिला जिसने सरकारी स्कूल में अपना सेंटर खोला हुआ है। जहां हमारे मोहल्ले का एक भी बच्चा नहीं पहुंच पाता है। और खाली कागज पूर्ति कर पूरे राशन को गवन कर जाती है। वहीं गांव के साहब दिन ओर नसरू ने बताया कि हमारे मोहल्ले नगली में तीन आंगनवाड़ी सेंटर है। जो अधिकतर बंद रहते हैं। पहला सेंटर पुष्पा दूसरा पूनम और तीसरे सेंटर सुरेखा का है। जो अपने घर में ही खोला गया है। अपनी सर्वे छोड़कर हमारे मोहल्ले में सेंटर खोल रखे हैं। जो कभी भी सेंटर नहीं खोले जाते हैं उन्होंने उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे को सेंटर का पता भी नहीं मालूम है जिसके कारण पूरा राशन वर्कर के घर में ही जाता है। जब इस बारे बात की तो हेल्पर ने बताया कि आपसी झगड़े की वजह से सेंटर की जाबी लेकर चली गई जिस कारण 6-7 दिन आंगनवाड़ी सेन्टर नही खुला आखरी कियो सरकार का ध्यान इन आंगनवाड़ी सेंटर पर नहीं है। बच्चों के साथ कियो कर रही है खिलवाड़ वैसे तो सरकार ने आंगनवाड़ी सेन्टर का समय 09 से 03 किया हुया है। लेकिन आंगनवाड़ी वर्कर 11 बजे ही बंद कर देती है। सीडीपीओ मेडम ने कहां की गांव में जगह ना मिलने के कारण आंगनवाड़ी सेंटरों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। और कहा कि अगर कोई आंगनवाड़ी वर्कर के ख़िलाप राशन के बारे में कोई शिकायत आती है। वह बर्दाश्त नहीं की जाएगी उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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