हथीन/माथुर : सिविल सर्जन डा. ब्रहमदीप ने बताया कि सभी एएनएम अपने सब सेंटर पर कोविड टीकाकरण करेंगी और उनके सुपरविजन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग से टीम तैनात की गई है। सिविल सर्जन पलवल ने ज
ानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग पलवल हर नागरिक को कोविड-19 वैक्सीन लगाया जाना सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि टीका सभी को दिया जाए। उन्होंने बताया कि वैक्सीन की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों को रणनीतिक रूप से जिले में अत्यधिक आबादी वाले और यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थापित किया गया है ताकि संक्रामक कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने वालों में अधिकांश लाभार्थियों की आयु 60 वर्ष से अधिक थी या 45 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के ऐसे लोग शामिल थे, जिन्हें कोई अन्य बीमारी भी है। हेल्थ केयर वर्कर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली व दूसरी खुराक दी जा चुकी है। हरियाणा सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार शनिवार व रविवार की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल दोबारा से जोर पकड़ रहा है और इस परेशानी की घडी में ना घबराए। सब लोग वैक्सीन लगवाएं और हैंड सैनेटाइजर, फेस मास्क का निरंतर प्रयोग करे और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग करें और जरुरी हो तभी घर से बाहर जाएं। उन्होंने कहा की अगर कोई कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो अपने घर पर ही गृह एकांतवास में रहकर अपना-अपना ध्यान रखें। जिन मरीजों के घर पर विशेषकर उनके लिए अलग कमरा हो तथा परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के लिए अलग सुविधा हो। मरीजों की देखभाल करने वाला व अन्य नजदीकी संपर्क में आने वाले व्यक्ति हायड्रोक्लोरोक्वीन दवाई का चिकित्सकीय सलाह से सेवन कर सके। जो मरीज अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य-सेतु ऐप का इस्तेमाल कर सके। जो मरीज अंडरटेकिंग देने के लिए तैयार हो कि वह घर पर रहने के दौरान स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के सभी दिशा-निर्देश का पालन करेंगे। उन्होंन कहा कि लक्षण शुरू होने से 17वे दिन के बाद जबकि पिछले दस दिन में बुखार न हुआ हो और दसवे दिन दी गई आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना-रहित हो। जब भी बुखार हो या सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द या दवाब, मानसिक असमंजस, चेहरे या होठो पर नीलिमा इत्यादि की शिकायत हो, हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहने व हर आठ घंटे में इसे बदले। गीला होने पर तुरंत बदले व एक प्रतिशत सोडियम हायपोक्लोराइट घोल में धोकर निस्तारण करें। एकांतवास के अंत तक अपने कमरे में ही रहे। अपना निजी शौचालय ही इस्तेमाल करें, नियमित गर्म पानी व चाय व पौष्टिक व संतुलित भोजन ही खाएं, छींकते या खांसते समय रुमाल व कोहनी का इस्तमाल करे, अपने हाथ नियमित रूप से साबुन-पानी या अल्कोहल युक्त सैनेटाइजर से साफ करे। रोगी अपने कमरे में ही भोजन करें। अपने बर्तन बिस्तर व तौलिया आदि अलग रखें। मदिरा सेवन व ध्रूमपान से बचेंं। अपना मोबाइल फोन भी अलग रखें। हर सुबह और रात या जब कभी भी बुखार महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य परीक्षण करे और थर्मामीटर से चेक करें। यदि आपके शरीर का तापमान 100 फ.(37.8 सै.) से अधिक है या आपकी पल्स दर 100 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें। बीमार व्यक्ति के पास हो तो ट्रिपल लेयर मास्क पहने। मास्क के सामने वाले हिस्से को न छुएं। यदि स्त्राव के साथ मास्क गीला हो जाता है, तो इसे तुरंत बदले। उपयोग के बाद को त्यागे और मास्क के निपटान के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। उन्होंने कहा कि मरीज से उचित दूरी बनाएं रखे और ध्यान दे कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से मरीजों से दूरी बनाएं रखें। याद रखे लड़ाई बीमारी के खिलाफ है, बीमार से नहीं। रोगी या उनके परिवार के सदस्यों के लिए किसी प्रकार की परेशानी का कारण न बने। मरीज की तब तक मदद करे जब तक वे ठीक न हो जाएं। यदि उन्हें किसी आवश्यक वस्तु जैसे दवा, राशन, सब्जी आदि की आवश्यकता होती है तो उनके घर के दरवाजे के बाहर वस्तुओं को छोडकर उनकी मदद करें।
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