खाईका गांव के सरपंच सहित 6 के खिलाफ डीसी ने धोखाधडी का मुकदमा दर्ज कराने के दिए आदेश हथीन/माथुर : खाइका गांव में सरकार ने चार वर्षों के दौरान विभिन्न विकास कार्यों के लिए जो धन राशि भेजी उसमें स
े 70 प्रतिशत से अधिक धन राशि घोटाला में लग गई और मात्र 30 प्रतिशत ही धन राशि विकास कार्यों में खर्च की गई। हाईकोर्ट के निर्देशों पर अतिरिक्त उपायुक्त सत्येंद्र दुहन की अध्यक्षता में बनाई गई संयुक्त जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में वास्तविकता उजागर हो गई है। संयुक्त जांच कमेटी में पंचायत राज के कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, बडौली की बीडीपीओ और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के लेखाकार रघुनन्दन शर्मा को शामिल किया गया था। संयुक्त जांच कमेटी के मुताबिक मार्च 2016 से दिसम्बर 2020 तक उक्त ग्राम पंचायत के पास 15 वें वित्त आयोग से एक करोड 6 लाख 96 हजार 481 रुपए प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त अदर डेवलोपमेन्ट फण्ड एवं हरियाणा ग्रामीण विकास निधि से एक करोड 27 लाख 95 हजार 192 रुपये मिले। कुल मिलाकर उक्त गांव में दो करोड 44 लाख 91 हजार 673 रुपये विकास कार्यों के लिए। संयुक्त जांच कमेटी की टीम ने उक्त गांव के विकास कार्यों की मैपिंग की। मूल्यांकन किया तो पाया कि ग्राम में मात्र 59 लाख 57 हजार 117 रुपये खर्च किए गए हैं। इस तरह कुल एक करोड 85 लाख 34 हजार 556 रुपए का घोटाला किया गया है। उक्त घोटाला के संदर्भ में जिला उपायुक्त नरेश नरवाल ने उक्त गांव के सरपंच इकबाल को बर्खास्त कर दिया। उसके बाद उनकी पत्नी को सरपंच चुना गया। जिला उपायुक्त ने हथीन के बीडीपीओ अमित कुमार को निर्देश जारी किए है कि उक्त दोनों सरपंचों एवं इस अवधि में सम्बंधित ग्राम में सचिव रहे हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। बीडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि इस अविधि में दिनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, आलोक कुमार एवं संजीव कुमार सचिव रहे हैं। उक्त सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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