होडल, 7 अप्रैल, डोरीलाल गोला एक ओर तो सरकार सरकारी विद्यालयों में पढने वाले विधार्थियों को एक से एक सूविधा मुहैइया कराने में प्रयास रत है वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में तैनात अध्यापक विधार्थिय
ं के भविष्य के साथ खिलबाड करने में लगे हैं। सरकार से हजारों रुपये का वेतन बसूलने वाले अध्यापक विधार्थियों को पढाने के बजाए विद्यालयों में आपसी बातचीत में ही अपना समय व्यतीत करने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला गांव पिगौड के राजकीय वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला जहां अध्यापक अपनी बातचीत में मसगूल थे और विधार्थी जमीन व क्लॉसरूम में बैठकर अध्यापकों को इंतजार कर रहे थे। गांव पिगौड के राजकीय वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय में जब मीडिया कर्मियों ने इंट्री की उस समय साढ़े दस बजे का समय था। स्कूल समय साढ़े नौ बजे का होने के बावजूद भी अध्यापक स्कूल परिसर में कोने में बैठकर एक दूसरे से बातचीत करने में मसगूल थे और क्लॉस, बरामड़े व पार्क में जमीन पर बैठे छात्र-छात्राएं अध्यापकों के क्लॉस में आने का इंतजार कर रहे थे। स्कूल की सभी कक्षाओं में छात्र-छात्राएं तो मौजूद थे, लेकिन अध्यापकों की कुर्सियां पूरी तरह से खाली थीं। लगता है स्कूल में तैनात अध्यापकों को छात्रों के भविष्य की बिल्कुल भी परवाह नहीं हैं उन्हें तो सिर्फ महीने में उनके एकाउंट में आने वाले वेतन से ही मतलब है। स्कूल में अध्यापकों की लापरवाही के कारण स्कूली बच्चे बाहर पार्क व आसपास ऐसे घूम रहे थे कि जैसे ही स्कूल की छुट्टी हो गई हो। स्कूल के कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनकी कक्षाओं में अध्यापक रोजाना लेट-लतीफ आते हैं। उन्होंने बताया कि कक्षा में अध्यापक की लेट-लतीफ व गैर मौजूदगी के कारण उनकी पढाई भी बाधित हो रही है। क्या कहते है जिला शिक्षा अधिकारी:- जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में अभी आया है वह इस मामले में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद दोषी अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।
Comments