ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम

Khoji NCR
2020-11-27 11:04:39

नूंह : ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा) सरकार का जो सीधे तौर पर ग्रामीण गरीबों के जीवन पर प्रभाव डाल

ा है और समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। इस अधिनियम का उद्देश्य प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का गारंटीयुक्त मजदूरी रोजगार उपलब्ध कराते हुए देश के ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा में वृद्धि करना है जिन परिवारों के इच्छुक वयस्क सदस्यों के द्वारा किए गए अकुशल भाारीरिक श्रम के कारण निर्धारित गुणवत्ता और टिकाऊ परिसंपत्तियों का सृजन होता है और इस अधिनियम में सामाजिक समावेशन और पंचायती राज संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित किया गया हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट जिला मेवात में 1 अप्रैल 2007 से लागू की गई है। स्कीम के लाभ:- मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण परिवारों के अकुशल भाारीरिक श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन की मजदूरी गारंटी देता है। इसके लिए सरकार द्वारा हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 309 रुपए प्रति मानव दिवस दी जाती है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति लघु अथवा सीमान्त किसानों अथवा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों तत्व भूमि सुधारों से संबंधित लाभार्थी अथवा भारत सरकार की इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत लाभार्थी अथवा अनुसूचित जाति एवं परंपरागत वनवासियों अधिनियम 2006 के तहत लाभार्थी की भूमि पर किए जाने वाले वैयत्कित लाभार्थी कार्य। आवेदन प्रस्तुत करने के 15 दिन के अंदर-अंदर अथवा काम मांगने के दिन से आवेदक को मजदूरी रोजगार दिया जाएगा। आवेदन प्रस्तुत करने के 15 दिन के अंदर अंदर काम मांगने की तारीख से रोजगार उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने का अधिकार। किए गए कार्यों के 15 दिन के अंदर मजदूरी प्राप्त करना। अनुमेय कार्य की विभिन्नता जिन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा शुरू किया जा सकता है। मनरेगा महिला के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर ध्यान देता है। मनरेगा पर्यावरण अनुकूल और सम्मानजनक कार्य उपलब्ध कराता है। मनरेगा कार्य मंं सामाजिक लेखा परीक्षा अनिवार्य है, जिसमें जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। मनरेगा कार्य में जलवायु परिवर्तन की असुरक्षा को दूर करना और किसानों को ऐसे जोखिमों से बचाना तथा प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण शामिल है। काम मांगने वालों को अपनी बात कहने और मांगने के लिए ग्रामसभा प्रमुख मंच है। मनरेगा के तहत कार्यों की सूची और उनकी प्राथमिकता तय करने के लिए ग्राम सभा और ग्राम पंचायत स्वीकृति देती है। विकलांग और अशक्त समूहों के व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2020 के कार्य:- इस वित्तिय वर्ष में 22613 नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। जिला में 66670 सक्रिय मजदूर कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2020-21 के 25 नवंब

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