हथीन/माथुर : जिला नागरिक अस्पताल के प्रागंण में वल्र्ड बाइपोलर-डे मनाया गया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि विंसेंट वान गॉग जोकि प्रसिद्ध पेंटर की बर्थ एनिवर्सरी को वल्
्ड बाइपोलर-डे के रूप में मनाया जाता है। सिविल सर्जन ने बताया कि बाइपोलर डिस्ऑडर के मुख्य रूप से तीन चरण होते है, पहले चरण में मरीज में तेजी आती है, जिसमें वह बड़ी-बड़ी बातें करता है, काम करने की कैपेसिटी बढ़ जाती है, नीद की जरूरत कम हो जाती है। इस प्रकार के चरण को मेनिया कहा जाता है। दूसरे चरण को डिप्रेशन कहते है, जो आम डिप्रेशन जैसा ही होता है, जिसमें मरीज का एनर्जी लेवल कम हो जाता है, नींद डिस्टर्ब रहती है। काम करने की क्षमता कम हो जाती है। किसी से बात करने का मन नहीं करता और कई मरीजों में सुसाइडल टेन्डेन्सी भी देखने को मिलती है। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में मरीज बिल्कुल सामान्य रहता है। मौसम में बदलाव का प्रभाव बाइपोलर डिस्ऑडर को बढ़ता है। उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में बाइपोलर डिस्ऑडर के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। पूरे विश्व में लगभग 6 करोड़ मरीज इससे ग्रस्त है। सिविल सर्जन ने बताया की समाज में जागरुकता की कमी के कारण यह रोग बढ़ रहा है। बाइपोलर डिस्ऑडर को दवाई व जागरुकता से रोका जा सकता है। डा. ब्रह्मदीप ने लोगो से बाइपोलर डिस्ऑडर दिवस पर आह्वïान कि है कि वे मरीजों से उनके ठीक होने का अधिकार न छीने और समाज में अधिक से अधिक जागरुकता फैलाएं, ताकि लोग डिस्ऑडर को पहचानकर समय पर उपचार ले सकें।
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