खोजी/सुभाष कोहली। कालका। सब डिविजनल अस्पताल कालका में प्रसव के दौरान कर्मचारियों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण एक महिला पीजीआई चंडीगढ़ में जिंदगी की जंग लड़ रही है, जोकि सरकार की स्वास्थ्य
ेवाओं की पोल खोलती है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई होनी चाहिए। यह कहना है मिशन एकता समिति की प्रदेश महासचिव कृष्णा राणा का। राणा का कहना है कि गांव खेड़ावाली निवासी राजरानी के मुताबिक शनिवार दिनांक 27 मार्च 2021 को वह अपनी गर्भवती बहू को प्रसव पीड़ा होने पर कालका सरकारी अस्पताल लेकर आई थी। यहां दाखिल करने के बाद बिना किसी डॉक्टर को दिखाए दो नर्सो और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने इलाज करना शुरू कर दिया। राजरानी का आरोप है कि दर्द से कराह रही बहू को नर्सों ने थप्पड़ मारे और लगत तरीके से प्रसव कराया। उन्होंने बच्चे से जुड़ी मां की नसें भी गलत तरीके से काट दी, जिससे खून बहने लगा। काफी देर तक खून नहीं रुकने पर बहू को सैक्टर 6 पंचकूला रेफर कर दिया गया। जहां पर बहू की गम्भीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया, जहां पर उसकी बहू जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। राणा का कहना है कि इस मामले में समिति पीड़ित परिवार के साथ है। राणा की स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग है कि इस मामले की शीघ्र ही जांच करवाई जाए तथा जांच उपरांत पाए गए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करवाई जाए।
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