खोजी/सुभाष कोहली। कालका। गांव टिपरा तहसील कालका की सीमा के साथ ही हिमाचल प्रदेश का गांव टिपरा तहसील कसौली भी स्थित है। दोनों राज्यों की सीमा से एक्सप्रेस हाईवे निकलता है, जहां पर एक कट दिया ह
आ था। लेकिन कांट्रैक्टर जेपी समूह के द्वारा बिना किसी कारण बताए उसको बंद कर दिया गया था। जिसका भारी नुकसान स्थानीय निवासियों के निकट संबंधियों तथा रिश्तेदारों को उठाना पड़ता था। जबकि बिटना गांव से टिपरा कालका आदि जाने के लिए सर्विस मार्ग पर उतरने का रास्ता दिया गया था। इस समस्या को लेकर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव दलजीत सिंह मरड़ ने एक पत्र महाप्रबंधक भा. रा. राजमार्ग प्राधिकरण कार्यालय पंचकूला को भेजकर समस्या का शीघ्र समाधान करवाने की गुहार लगाई थी। जिसकी प्रतिलिपि रामदास अठावले, राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली को भी की प्रेषित की गई थी। मरड़ ने अपने पत्र में लिखा था कि बाहरी व्यक्ति भूलवश टिपरा हिमाचल तक अपने वाहन से चले जाते थे। लेकिन उस भूल का खामियाजा लोगों को कई किलोमीटर की अनचाही दूरी तय कर महंगे ईधन व जुर्माने के तौर पर हिमाचल एंट्री की पर्ची कटवा कर तीहरी मार झेल कर करना पड़ता था। जबकि टिपरा गांव से पूर्व भी सुविधा के नाम पर फास्ट टैग अथवा पर्ची काटी जाती थी। सुविधा के अतिरिक्त अन्य अनैतिक खर्च व दुखों का सामना आम लोगों को करना पड़ रहा था। मरड़ ने पत्र के माध्यम से विभाग को आग्रह किया था कि दोनों प्रदेशों की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके बहुमूल्य समय अतिरिक्त ईधन खर्च के साथ-साथ इस महंगाई में और अधिक आर्थिक बोझ को न डालें तथा उनकी समस्याओं पर गंभीरता पूर्वक विचार कर संबंधित अधिकारी व ठेकेदार को उचित दिशानिर्देश देकर ग्रामवासियों को न्याय देने का कार्य करें। मरड़ द्वारा जनहित में किये गए प्रयासों से मध्यम कट का स्थान जो एचपी प्रवेश द्वार के निर्माण के कारण अस्थायी रूप से बंद था, काम पूरा होने के बाद उस कट को खोल दिया गया है।
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