चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका।- फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाए जा रहे इस होली के त्योहार के अवसर पर लोगों ने लाल कुआं चौक पर बड़े-बड़े पेड़ों के लक्कड़ लगाकर होली दहन का आयोजन किया इ
अवसर पर काफी संख्या के साथ महिलाओं ने होलिका दहन का पूजन किया। आपको बता दें यह पर्व असत्य पर सत्य की तथा नास्तिकता पर आस्तिकता कि एवं भक्त और भगवान के बीच अटूट संबंध के संदर्भ में भी मनाया जाता है। वहीं शहर के पुजारी मुरारी शर्मा ने बताया कि यह त्यौहार इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि नास्तिकता पर आस्तिकता की विजय हुई थी। विष्णु पुराण के कथा अनुसार दैत्यों के महाराज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को ब्रह्मा जी का वरदान था की उसेे अग्नि जला नहीं सकेगी। क्योंकि हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान् श्री हरी विष्णु को अपना भगवान मानता था। हिरण्यकश्यप इस बात के खिलाफ था, क्योंकि वह चाहता था कि लोग मुझेे ही अपना भगवान माने वहीँ अपने पुत्र से नाराज हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के इस वरदान का दुरुपयोग करते हुए अपनेे पुत्र प्रहलाद को बहन होलिका केे गोद में बिठाकर उसे जलाकर मारने का सोचा परंतु होलिका स्वयं जलकर खाक हो गई इस वजह से पूरे देश भर में होली का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
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