खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूंह। माननीय न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कोरोना महामारी
े खिलाफ समाज को जागरूक और मास्क शिष्टाचार को विकसित करने के तहत जागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य जन-मानस में स्वास्थ्य मापदंडों के उचित कार्यान्वयन, मास्क पहनने और शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। इस अभियान के प्रारम्भ के दौरान राज्य सरकार के महाअधिवक्ता श्री बलदेव राज महाजन, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, हरियाणा जेल विभाग से सेवानिवृत्त महानिदेशक के. सेल्वराज व हरियाणा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रमोद गोयल भी मौजूद रहे। इस मौके पर माननीय न्यायामूर्ति श्री राजन गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है। राज्य सरकार के सहयोग से इस महामारी के खिलाफ हेल्थ प्रॉटोकोल के बारे में जन मानस को जागरूक करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वसनीय गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक एजेंसियों को बड़े स्तर पर जागरूकता पैदा करने और मुफ्त में मास्क बनाने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पिछले एक वर्ष से कोविड-19 की रोकथाम के लिए बहुत काम कर रहा है। हालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के समन्वय के साथ 3 लाख 50 हजार प्रवासियों की मदद की। कोविड के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए चार हजार से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिसमें चार लाख 40 हजार से अधिक व्यक्तियों को जागरूक किया गया। 2 लाख मास्क और सैनिटाइजर वितरित किये गये तथा 2700 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी, 20 हजार से अधिक सैनेटरी नैपकिन वितरित किये गये तथा 8121 लोगों को आश्रय आदि के साथ सहायता प्रदान की गई। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर आ रही है, कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम व टीकाकरण के लिए अधिक से अधिक केन्द्रित अभियान शुरू करना अनिवार्य हो गया है। बॉक्स:- अभियान के मुख्य बिंदु इस प्रकार से है: 1. कोविड-19 और इससे जुड़ी विभिन्न समस्याओं के बारे में बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक करना। 2. एन.जी.ओ. के सहयोग से जरूरतमंद व्यक्तियों में जागरूकता फैलाना व मास्क बनाकर वितरण करने में सहयोग करना। 3. केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत जरूरतमंदों को राहत प्रदान करना व जिला प्रशासन एवं सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से राज्य के दूर-दराज इलाकों में कोरोना की जानकारी देना। 4. जागरूकता के प्रभावी और रचनात्मक तरीकों में मास्क पहनना, हाथों की सफाई और सामाजिक दूरी की पालना करना शामिल है। माननीय न्यायमूर्ति ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर टीकाकरण अभियान के बारे में जनता को जागरूक करने के साथ-साथ इससे जुड़ी आशंकाओं को भी दूर किया जाएगा। जिला प्रशासन के सहयोग से सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों के बीच मास्क शिष्टाचार के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे और महामारी की चपेट में आने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए राज्य योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेंगे। जेल विभाग, गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की मदद से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मास्क बनाने का भी काम करेेंगे और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में ये मास्क वितरित करेंगे और उन्हें शिक्षित करने के लिए सही तरीक से मास्क पहनने की जरूरत है और सभी निवारक कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि मास्क पहनना, सामाजिक दूर करना, हाथ साफ करना आदि। इस परियोजना के तहत धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूलों, कॉलेजों, मॉल के साथ-साथ अदालतों, सचिवालय में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि समाज के हर वर्ग को इस महामारी के बारे में शिक्षित किया जा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मास्क के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सक्षम युवा के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क भी स्थापित करेगा। ये जागरूकता अभियान पुलिस और सिविल अधिकारियों की मदद से आयोजित किए जाएंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा जागरूकता के विभिन्न तरीकों को अपनाया जाएगा जैसे कि परियोजना के प्रभावी और सार्थक कार्यान्वयन के लिए साईकिल रैली, एनिमेटेड वीडियो तैयार करना, पैम्फलेट का वितरण आदि। कोविड-19 और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं से अधिकांश छात्रों एवं शिक्षकों को अवगत कराने के लिए कानूनी साक्षरता क्लबों के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों में भी जागरूकता अभियान शुरू किये जायेंगे।
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