कृषि कानून में एमएसपी को जोड़ने के लिए आंदोलन करेगा मेवातः राजूद्दीन विधान स्थापना दिवस पर किसानों ने ली फसलों के उचित दाम लेने की शपथ किसानों की आत्महत्याओं पर संज्ञान ले केंद्र सरकार बन
ए मुआवजे का कानूनः राजूद्दीन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को भेजा ज्ञापन देश में किसानों की आत्महत्या निरंतर बढ़ रही है केंद्र सरकार उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए कोई मुआवजा राशि तय नहीं कर रही है। ऐसा कोई कानून नहीं बना रही है जिससे उनका भविष्य सफल हो बल्कि सरकार ने तीन ऐसे कृषि कानून लागू किए हैं जिनमें किसान की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का अधिकार नहीं है। ये बातें किसान नेता एवं मेवात आरटीआई मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजूद्दीन ने पत्रकारों से बातचीत में कही। बृहस्पतिवार शाम उन्होंने उप तहसीलदार पवन कुमार बत्रा को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पत्र सौंपा। राजूद्दीन ने कहा कि एमएसपी किसानों का हक है केंद्र सरकार इसे संवैधानिक दर्जा दे अन्यथा किसान चुप नहीं बैठेंगे वह अपना अधिकार लेकर रहेंगे। राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन सफल रहा है पुलिस प्रशासन ने किसानों पर बर्बरता दिखाई है जो उन पर अब भारी पड़ने वाली है। क्योंकि मेवात के किसान भी देश के किसानों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन मेवात से करने वाले हैं। राष्ट्रीय संविधान दिवस की स्थापना पर किसानों को शपथ दिलाई गई है कि वह एकजुट होकर किसानों का साथ देंगे। राजूद्दीन ने बताया कि सुबह दिल्ली जाने का कार्यक्रम था लेकिन पुलिस ने बड़कली चौक पर हिरासत में ले लिया। अधिवक्ता ओम प्रकाश रानीका ने कहा कि आज देश में किसानों की हालत के लिए मौजूदा जिम्मेदार है यदि पिछली सरकारों ने कुछ किया होता तो आज किसानों की इतनी बदतर हालत देश में नहीं होती। किसान कवि इल्यास प्रधान व पूर्व सरपंच मजीद बलई ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और अन्नदाता की हिफाजत के लिए एनएसपी वक्त की जरूरत है। इस मौके पर अधिवक्ता सुबोध कुमार जैन, पूर्व पंच नसीम सांठावाडी ने पत्र भेजकर समर्थन किया। कैप्शनः कृषि कानून में बदलाव के लिए पीएम के नाम उप तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते किसान। कैप्शनः किसान नेता राजूद्दीन की हिरासत निगरानी करती पुलिस।
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