नई दिल्ली, बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के मात्र एक सीट जीतने के बाद उसकी संभावनाओं को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पार्टी सूत्रों ने 40 से अधिक सीटों पर चुनाव परिणाम बदलने म
ं पार्टी का प्रभाव होने की बात कही। लोजपा ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्य की सियासत में उसकी मौजूदगी अहम रहेगी। 36 सीटों पर जदयू की हार में लोजपा की अहम भूमिका सूत्रों ने दावा किया कि राज्य में कम-से-कम 36 सीटों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जदयू की हार में लोजपा की अहम भूमिका रही, जो पार्टी के वोट प्रतिशत से साफ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगर उसने इसी तरह से भाजपा के खिलाफ सक्रियता दिखाई होती तो उसे भी नुकसान होता। एक सीट जीतने वाली लोजपा को मिले 5.7 फीसद वोट लोजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने भले ही एक सीट जीती हो, लेकिन उसने 5.7 फीसद वोट प्राप्त कर अपनी मौजूदगी साबित की है। लोजपा ने ऐसी केवल छह सीटों पर उम्मीदवार उतारे जहां भाजपा प्रत्याशी मैदान में थे, जबकि उन सभी 115 सीटों पर उसने उम्मीदवार खड़े किए, जहां जदयू ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। लोजपा को अपने दम पर चुनाव में उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं था उन्होंने कहा कि लोजपा को चुनाव में केवल 15 सीटें लड़ने की पेशकश की गई थी। इसलिए उसके पास अपने दम पर चुनाव में उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, सीटों की पेशकश के बारे में भाजपा या लोजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लोजपा सूत्रों ने कहा कि छह लोकसभा सदस्यों और एक राज्यसभा सदस्य होने के बाद पार्टी केवल 15 विधानसभा सीटें स्वीकार नहीं कर सकती थी।
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