खोजी/सुभाष कोहली। कालका। पंचकूला के जिला मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार आहूजा ने कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्देश दिये है कि सामाजिक/शैक्षणिक/खेल/मनोरंजन/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनीति
कार्यक्रमों और अन्य मण्डली सभाओं के आयोजक, ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति लेंगे। उन्होंने बताया कि इन आदेशों की अनुपालना के लिए बिना पूर्व अनुमति के किसी भी सभा की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, पंचकूला के पुलिस उपायुक्त, पंचकूला और कालका के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, सभी एसएचओ, पुलिस पोस्ट के प्रभारी और इंसिडेंट कमांडर इन आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करवाएंगे। आहूजा ने बताया कि उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 और 34 के तहत यह आदेश जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर जारी किये है। उन्होंने बताया कि इन आदेशों की उललंघना होने पर राष्ट्रीय निर्देश व अपराध के उपायों के लिए आईपीसी की धारा 188, 1860 के तहत कानूनी कार्रवाई के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 और 60 के तहत तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या को देखते हुए और कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने तथा अधिसूचना के अनुसरण में समय-समय पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के सख्त अनुपालन पर जोर देने के साथ-साथ 6 फरवरी, 2021 को राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि खुले स्थानों में, समारोहों में कोई सीमा नहीं है। हालांकि, इसे लोगों को समायोजित करने के लिए जगह की क्षमता को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी ताकि भारत सरकार और हरियाणा सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सभी सामाजिक दूरी बनाये रखने वाले मानदंड जैसे कि मास्क पहनना, हाथ धोना या सैनिटाइजर लगाना और थर्मल स्कैनिंग इत्यादि के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित की जा सके।
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