टीबी मरीज की जानकारी छुपाने पर दोषी, जुर्माना व सजा का हकदार

Khoji NCR
2021-03-20 09:18:40

नारनौल 20 मार्च। स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी चिकित्सक टीबी के मरीजों की सूचना को न छिपाए। अगर कोई चिकित्सक, प्रयोगशाला संचालक या दवा विक्रेता टीबी के मरीजों की सूचना छिपाता है त

ो वह आईपीसी की धारा 269 व 270 के तहत दोषी माना जाएगा। ऐसा करने पर जुर्माना व 6 माह से 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। ये निर्देश उपायुक्त अजय कुमार ने गतदिवस लघु सचिवालय के मीटिंग हॉल में जिला टीबी फोरम व विभागीय बैठक मेंं दिए। इस बैठक मेंं भारत सरकार के टीबी के उन्मूलन कार्यक्रम पर चर्चा हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संबध में प्रस्तुत चुनौतियों एवं सरकार की कार्ययोजना पर संबंधित विभाग के अनुमोदित सदस्यों के साथ विचार विमर्श करना था। इस मौके पर सिविल सर्जन अशोक कुमार ने टीबी की बीमारी, टीबी के लक्षण, बचाव, जांच, डॉटस प्रणाली, टीबी का संपूर्ण मुफ्त इलाज के बार बारे मे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सक को प्रत्येक टीबी केस नोटिफाई करने पर 500 रुपए व उस मरीज को ठीक करके उसकी सूचना देने पर 500 रूपए दिए जाते हैं। जिला महेंद्रगढ़ में वर्ष 2020-21 मे 1555 टीबी के मरीज हैं जिनका इलाज अभी चल रहा है। इन टीबी मरीजों में से 1491 लोगों की एचआईवी व शूगर जांच की गई। इस मौके पर जिला क्षयरोग अधिकारी डा. हर्ष चौहान ने टीबी पोषण योजना के बारे में बताया कि हर टीबी के मरीज को प्रतिमाह पोषण के लिए 500 रुपए दिए जाते हैं व 1000 रुपए इलाज सहायक को प्रोत्साहन राशि व 5000 रूपए एमडीआर/ टीबी के इलाज सहायक को प्रोत्साहन राशि दी जाती है । इसके अलावा वर्ष 2020 में लगभग 30 लाख रुपए टीबी मरीजों को पोषण व प्रोत्साहन के रूप में दिए जा चुके हैं । लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के लिए समय-समय पर ग्राम सभा, निक्षय दिवस, आदि आयोजन किया जा रहा है। चिकित्सा अधिकारी डा. अजय ग्रोवर ने बताया कि टीबी बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है व इस बीमारी का इलाज केवल डॉटस प्रणाली से संभव है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक मीणा, एसडीएम महेंद्रगढ़ दिनेश, नगराधीश अमित कुमार व स्वास्थ्य विभाग से डाक्टर, एनजीओ के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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