तावडू, 19 मार्च (दिनेश कुमार): विश्व में सामाजिक समरसता व भाईचारे का प्रतीक पर्व कोई है तो वह होली है। सर्वसमाज मिलकर होली खेले तथा भावी पीढ़ी को सामाजिक समरसता का संदेश दे। यह विचार पंजाबी बिरा
री के प्रधान प्रमोद आहुजा ने रखे। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आहवान किया कि वह आगामी 28 मार्च को होली पर्व के दिन लडाई झगडा भुलाकर प्रेम पूर्वक होली मनाएं। उन्होंने कहा कि होली पर्व की व्याख्या कुछ शब्दों व वाक्यों में नहीं की जा सकती। लोग आपस में मिलकर होली खेलें ओर प्रदेश व राष्ट्र को नई उंचाईयों पर ले जाने का संकल्प लें। होली एक रंगबिरंगा मस्ती भरा पर्व है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर गले मिलते हैं ओर एक-दूजे को गुलाल लगा आपसी भाईचारे व सौहार्द का संदेश देते हैं। होली रंगों, हंसी-खुशी का त्यौहार है। युग-युगीन मान्यता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता भूलकर गले मिलते हैं ओर फिर से दोस्त बन जाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत ऋतु का संदेशवाहक भी है। होलिका का दहन समाज की समस्त बुराईयों के अंत का प्रतीक है। यह बुराईयों पर अच्छाईयों की विजय का सूचक है।
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