खोजी / राकेश वर्मा नगीना ।नगीना खण्ड के गांव रीठट में 1/12/2010 को गर्ल मिडिल स्कूल अपग्रेड तो हरियाणा सरकार ने करा दिया लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद भी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं कर पाई है । आखिर सरका
र लंबे-लंबे दावा करती है। कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आखिर यह बेटियां कहां पर पढ़ाई पूरी करेंगी ओर कैसे जब स्कूल में अध्यापक ही नहीं हैं। बेटियों का हो रहा है भविष्य खराब एक तो करोना महामारी के चलते स्कूलों में लेट खुलने का और दूसरा खुले हैं तो ऊपर से अध्यापक नहीं है । गर्ल स्कूल की एक लड़की ने बताया कि वह स्कूल तो आती है लेकिन बिना अध्यापकों के वह कैसे पढेगी । अभी तक किसी भी बच्चे को अपने नाम तक की स्पेलिंग याद नहीं है। आखिरी रीठट गांव की लड़कियां कैसे होंगी साक्षर।वही बॉयज स्कूल में 95 बच्चे हैं। ओर पढ़ाने वाले केवल दो ही अध्यापक नियुक्त किए गए हैं। बिल्डिंग तो अलग अलग बनाई हुई है।लेकिन अध्यापकों की कमी के कारण लड़की और लड़कों को एक साथ पढाने को मजबूर हैं अध्यापक गण ।स्कूल के प्रिंसिपल विजेंद्र सिंह ने बताया कि अध्यापकों की कमी के चलते हमे लड़की और लड़कों को एक साथ बिठाकर पढ़ाना पड़ता है। गांव के जिला पार्षद मुमताज अली ने बताया की इस विषय को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही स्कूल की समस्याओं को दूर करने की कोसिस की जायेगी।
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