नई दिल्ली। दुनियाभर में आतंकी संगठनों को मदद देने के लिए बदनाम पाकिस्तान की सेना ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारत पर आतंकी संगठनों के सहयोग का आरोप लगाया। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद क
रैशी की उपस्थिति में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि भारतीय खुफिया एजेंसी भारत और अफगानिस्तान में कई आतंकी शिविर चला रही है। रविवार को भारत और अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के इन दावों को न सिर्फ एक सिरे से खारिज कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि आंतरिक राजनीति में घिर रही पाक सरकार और वहां की सेना इस तरह का प्रोपेगंडा चलाने की कोशिश कर रही है। भारत ने तो पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए वहां मारे गए आतंकी ओसामा बिन लादेन से लेकर हाल ही में इमरान सरकार के कैबिनेट मंत्री की तरफ से पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने तक की याद दिलाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने कहा, 'पाकिस्तान की तरफ से दिए गए तथाकथित सुबूतों की कोई विश्वसनीयता नहीं है। ये मनगढ़ंत और काल्पनिक हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की इन करतूतों को बखूबी जानता है और आतंकवाद पर सपाक द्वारा आतंकियों और घातक हथियारों को भेजने का काम लगातार है जारी श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारत की तरफ से बार-बार संयम बरतने की अपील और 2003 के सीजफायर समझौते के बावजूद पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों को भारत में घुसाने की कोशिश कर रही हैं। आतंकियों व घातक हथियारों को भेजने का काम लगातार जारी है। यह एलओसी पर तैनात पाक सेना की मदद के बगैर संभव नहीं है। पाकिस्तानी हुक्मरानों की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस करना अपनी आंतरिक राजनीति व आíथक विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है। साथ ही यह सीमा पार आतंक व नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर उल्लंघन को भी न्यायसंगत साबित कर रहा है। श्रीवास्तव ने कहा, 'पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को रोके। उसके नेताओं ने भी कई बार स्वीकारा है कि उनका देश आतंकवादी पैदा करने वाली फैक्ट्री बन गया है। सिर्फ भारत ही इन आतंकी संगठनों का निशाना नहीं बनता है, बल्कि कई देशों में आतंकी घटनाओं के तार अंत में पाकिस्तान से ही जुड़ते हैं। मनगढ़त कागजात व गलत कहानी पेश करने से पाकिस्तान की करतूतों को छिपाया नहीं जा सकता।' भारत के इस बयान से पहले अफगानिस्तान विदेश मंत्रालय ने भी कड़े शब्दों में पाकिस्तान सरकार के आरोपों की आलोचना की। अफगान सरकार ने कहा, 'हम पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हैं। अफगानिस्तान स्वयं ही आतंक पीडि़त दमर्थन की बात स्वयं इसके नेता पूर्व में कई बार स्वीकार कर चुके हैं। यह भी हकीकत है कि वैश्विक आतंकवाद का चेहरा ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही मिला था। पाकिस्तान के पीएम ने सदन पटल से उसे शहीद बताया था। उन्होंने पाकिस्तान में 40 हजार आतंकियों के होने की बात भी स्वीकार की है। हाल ही में उनके विज्ञान व तकनीक मंत्री ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 40 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
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