गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या: धीरेन्द्र खडग़टा

Khoji NCR
2021-03-18 11:05:27

खोजी एनसीआर साहून खांन नूंह पूरे जिले में 31 मार्च तक पोषण पखवाड़ा के तहत होगा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन, 6 वर्ष तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं में खून की कमी की जाएगी जांच, 22 मार्च को आंगनवाड़

कार्यकर्ता घर-घर जाकर चलाएंगी जागरुगकता अभियान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 मार्च को देशभर की महिलाओं को करेंगे सम्बोधित नूंह 18 मार्च ( ) उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 31 मार्च 2021 तक राष्टï्रीय पोषण अभियान के तहत पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। इस पखवाड़े के तहत 31 मार्च 2021 तक प्रतिदिन एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस पखवाड़े के तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों का भोजन, हाईट और उनकी डाईट, गर्भवती माताओं को एनिमिया मुक्त करने, कीचन गार्डन और प्लांटेशन ड्राईव पर फोक्स रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि कुपोषण आज हमारे सामने बहुत बड़ी समस्या है। आज भी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे है जो सही मात्रा में पोषण न मिलने के कारण कुपोषित रह जाते है। ऐसे बच्चों में कुपोषण की समस्या को खत्म करना हमारे लिए अति आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में यह अभियान शुरु किया गया है। इस अभियान के तहत जिलाभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आयुष विभाग द्वारा विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे और योग के माध्यम से कैसे कुपोषण को दूर किया जा सकता है, इस विषय पर जानकार दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़े के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित अन्य स्थानों पर पोषण वाटिकाएं लगाने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि अपने आंगन मे ही कुछ जरुरी पौधे लगाकर उनसे पोषण प्राप्त कर सकते है। इस दौरान औषधीय पौधे भी वितरित किए जाएंगे। इस अभियान के दौरान 22 मार्च को सभी आंगनवाड़ी वर्कर घर-घर जाकर भी जागरुकता अभियान चलाएंगी और 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी वेबीनार के माध्यम से देशभर की महिलाओं को सम्बोधित करेंगे और पोषण एटलस, पोषण ट्रैकर और मिशन कल्पतरु का शुभारम्भ भी करेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी सविता मलिक ने बताया कि कोविड-19 के चलते मार्च 2020 से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था। कोविड-19 के प्रोटोकॉल व सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी सेंटरों को एसओपी के अनुसार खोला गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर 5 और 6 वर्ष के बच्चों को छोटे छोटे समूहों में बांटकर आंगनवॉडी भवन की जगह अनुसार पूर्व स्कूली शिक्षा शुरू की जा रही है। जो बच्चें आंगनवॉडी केंद्रों में नहीं आ सकते उनको वाटसअप एप के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। पोषण पखवाडे का आयोजन विभिन्न विभागों के सहयोग से जन आंदोलन के रूप किया जाएगा। पोषण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य पोषण के प्रति हितग्राहियों को जागरूक करना और सेवाओं तक उनकी पहुंच को सुगम बनाना है। उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़ा 2021 का मुख्य उद्देश्य पोषण वाटिका निर्माण को बढ़ावा देना, स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित सदस्यों की भागीदारी के साथ पोषण संबंधी विषयों पर जागरूकता लाना, अंतरविभागीय समन्वय से पोषण के पांच सूत्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों तक पहुंचाना और स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को लोगों तक पहुंचाना है। इसके साथ-साथ इस अभियान का लक्ष्य मातृत्व मत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को भी कम करना है। पोषण पखवाड़ा के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण शपथ, ग्राम पंचायतों द्वारा पोषण बैठक, आंगनवाडी सेंटर पर सामुहिक कार्यक्रमों का आयोजन, 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे तथा महिलाओं में एचबी की जांच, आयरन की गोलियों का वितरण, पोषण मेला, पोषणयुक्त खाने की विधि तथा जानकारी, गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाती है।

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