खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा ---------------------------------------------- नुहं। मेवात डेवलपमेंट एजेंसी के पूर्व चेयरमैन एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता खुर्शीद राजाका ने उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़व
के कुरान विरोधी बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वसीम रिज़वी का कुरान विरोधी बयान बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की देन है। क्योंकि वसीम रिज़वी हमेशा से ही एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति है जो जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खां पूर्व मंत्री का आज भी करीबी मित्र है। इसलिये बसपा और सपा में रहकर ही वसीम रिज़वी की इस्लाम विरोधी सोच बनी है। क्योंकि उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार और अखिलेश सरकार ने ही वसीम रिज़वी को उत्तरप्रदेश शिया वक़्फ बोर्ड का दो बार चेयरमैन बनाया था। इसलिये मुसलमानों का हमदर्द बनने वाले अखिलेश यादव और मायावती ने रिज़वी जैसे कुरान विरोधी व्यक्ति को चेयरमैन बनाकर सपा और बसपा ने इस्लाम विरोधी होने का सबूत दिया है। जिसकी वजह से आज ना सिर्फ शिया समाज बल्कि भारत का हिन्दू मुस्लिम समाज शर्मशार हो रहा है। खुर्शीद राजाका चेयरमैन ने अखिलेश यादव और मायावती से सवाल किया कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री देश को बताएं कि आखिर किस योग्यता व मजबूरी से इस्लाम विरोधी रिज़वी को वक़्फ बोर्ड का चेयरमैन बनाया था। बीजेपी नेता ने उत्तरप्रदेश की योगी सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि वसीम रिज़वी का चेयरमैन का कार्यकाल ना बढ़ाकर और उसके भ्र्ष्टाचार के काले कारनामों की जांच करवाना एक सराहनीय कार्य है। खुर्शीद राजाका चेयरमैन ने सपा और बसपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टियों की मुस्लिम विकास विरोधी सोच है जो वसीम रिज़वी जैसे गैर जिम्मेदार व्यक्तियों को सरकारी पदों पर बिठाकर खाना पूर्ति करके मुस्लिम समाज का तुष्टिकरण करके वोट ठगने का काम करती रही हैं।इसलिये मुस्लिम समाज को अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानकर ही राजनैतिक निर्णय लेने चाहिये ताकि सपा और बसपा जैसी पार्टियां सेक्युलरिज्म के नाम पर मुस्लिम को ठग ना सके। उन्होंने वसीम रिज़वी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग के साथ ही ये भी कहा कि आज मुस्लिम समाज को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती की मुस्लिम विकास विरोधी सोच को उजागर करने का अभियान चलाना चाहिए।
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