भारत में हर साल 16 मार्च नेशनल वैक्सीनेशन डे के रूप में मनाया जाता है। यह पहली बार 16 मार्च 1995 को मनाया गया था। भारत में साल 1995 में मुंह के जरिए पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। तब से नेशनल वैक्
सीनेशन डे मनाया जाता है। बच्चों के साथ ही बढ़ती उम्र में भी सबसे अजीब बात ये है कि इडिया में लगभग 68 परसेंट लोग एडल्ट वैक्सीनेशन के बारे में जानते ही नहीं। लगभग 2,05,286 लोग क्रॉनिक हेपेटाइटिस के कारण जान गंवा देते हैं। और 60 की उम्र के बाद टेटनस की चपेट में आने से जान गंवा देते हैं। इसलिए बढ़ती उम्र में बीमारियों से बचे रहने के लिए और ज्यादा जरूरी हो जाता है वैक्सीन लगवाना। एडल्ट्स के लिए जरूरी वैक्सीन 1. इंफ्लूएंजा वैक्सीन ये वो वैक्सीन है, जो फ्लू वायरस से बचाने के लिए लगाया जाता है। इस वैक्सीन को हर साल अक्टूबर-नवंबर महीने के बीच लगवा लेना चाहिए। 2. न्यूमोकॉकल वैक्सीन ये वैक्सीन निमोनिया से बचाता है। इसको भी हर साल लेना चाहिए और 65 साल से ज्यादा एज वाले लोगों को ये जरूर लगवाना चाहिए। 3. ह्यूमन पेपिलोमा वैक्सीन ये वैक्सीन कैंसर और जननांग में होने वाले कैंसर से बचाने के लिए लगाई जाती है। 9 से 26 वर्ष की आयु के बीच इसे मेल और फीमेल दोनों को लगवा लेना चाहिए। 9-14 वर्ष की आयु वालों को 6 महीने के अंतराल पर 2 वैक्सीन लगते हैं। 4. डीपीटी वैक्सीन यह डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टिटनेस बैक्टीरिया से बचाता है और इसे साल में एक बार लगवाना होता है। 5. एमएमआर वैक्सीन ये वैक्सीन मेसल्स, मंप और रूबेला वायरस से बचाने का काम करती है इसे साल में एक बार लगवाना चाहिए। 6. हिपेटाइिस-बी वैक्सीन ये वैक्सीन हिपेटाइटिस-बी वायरस से बचाने का काम करती है। ये लिवर कैंसर और जॉन्डिस (पीलिया) जैसी बीमारी से भी बचाता है। 7. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले गर्भाशय कैंसर से बचने के लिए 13 साल की उम्र के बाद इस वैक्सीन को जरूर लेना चाहिए।
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