खोजी एनसीआर साहून खांन नूंह नूंह, 10 मार्च उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि जिला में टीबी को वर्ष 2025 से पहले जड़मूल से खत्म करने के लिए अथक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि टीबी को खत्म करने के
िए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। उपायुक्त ने टीबी का अधूरा ईलाज छोडऩे वाले एवं टीबी का ईलाज लेने से मना करने वाले सभी मरीजों को पूर्ण ईलाज लेने के लिए प्रेरित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने जन प्रतिनिधियों से कहा है कि टीबी प्रोग्राम में अपना पूरा सहयोग दें, ताकि जिला को टीबी मुक्त बनाया जा सके। सभी टीबी से संबंधित सारी जानकारी ले पाएं और जरूरत पडऩे पर अपने गांव के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक कर सकें। गांव के लोगों में टीबी व टीबी मरीज को अभिशाप समझने जैसी धारणाओं को दूर कर सके। उपायुक्त ने टीबी क्या है, इसके लक्षण क्या है, इससे कैसे बचा जा सकता है और इसके प्रोग्राम के तहत सरकार द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही के बारे में जागरूक करने के लिए कहा। उपायुक्त ने जिलावासियों से अनुरोध किया कि टीबी के लक्षणों में से किसी को भी कोई लक्षण है तो अपनी टीबी की जांच करवाएं और टीबी आने पर डॉक्टर के परामर्श अनुसार पूरा कोर्स लें ताकि जिले को टीबी मुक्त किया जा सके। टीबी का अधूरा ईलाज लेने से टीबी पर सामान्य दवाईयां काम करना छोड़ देती है और एमडीआर (बिगड़ी हुई टीबी) बन जाती है, जिसका ईलाज 2 से 3 साल तक चलता है, जबकि सामान्य ईलाज 6 महीने तक चलता है। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. प्रवीन तंवर ने बताया कि विभिन्न प्रचार माध्यमों से सभी टीबी मरीजों को संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर 1800116666 पर क्षयरोग के बारे में जानकारी ले सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि वे टीबी मरीजों का बैंकों में जीरो बैलेंस पर अकाउंट खोलें ताकि मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली राशि पहुंचाई जा सकें। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि वे बीपीएल परिवार को अतिरिक्त नूट्रिशन हैल्प दिलवाएं। टीबी के लक्षण: दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम को हल्का बुखार आना, भूख न लगना, वजन का कम होना, रात को सोते समय पसीना आना, बलगम में खून आना। टीबी से बचाव: खांसते या छींकते समय अपने मुंह व नाक को स्वच्छ कपड़े से ढक़ें, यदि आपके पास रूमाल या साफ कपड़ा नहीं है, तो बाजू के ऊपरी हिस्से का प्रयोग करें, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकें, उपयोग में लाए गए टिशु को कुड़ेदान में फैंके, अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन व पानी से साफ करें। क्षयरोग (टीबी) के ईलाज से संबंधित मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधायें:- जिला नूंह में खंड स्तर पर नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, तावडू, मांडीखेडा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर नगीना, शहीद हसन खान मेडिकल कॉलेज नल्हड़, उजीना, घासेड़ा, सिंगार, पिनगवां, बीवां व मोहम्मदपुर अहीर सहित 13 बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर बलगम की जांच बिल्कुल मुफ्त की जाती है। सीबीनाट की मुफ्त सुविधा, मुफ्त एलपीए (दवा प्रतिरोधकता जांच) टैस्टिंग सुविधा, फ्री एचआईवी एवं डायबीटिज टैस्टिंग, सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की दवाई नि:शुल्क उपलब्ध है, एमडीआर मरीज के सभी टैस्ट फ्री उपलब्ध हैं। जो व्यक्ति संभावित नये टीबी मरीजों की या संभावित टीबी मरीज खुद अपनी जांच सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर करवाता है और उसमें टीबी पाई जाती है तो ऐसे व्यक्ति/खुद टीबी मरीज को जानकारी हेतू 500 रुपये प्रोत्साहन भता दिया जाता है। टीबी के मरीजों को ईलाज की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार भता सीधे बैंक खातों में दिया जाता है। टीबी मरीज के उपचार के दौरान उसे पूर्ण दवाई खिलाकर उसका परिणाम देने वाले को भी नियमानुसार प्रोत्साहन भता दिया जाता है।
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