नारनौल, 10 मार्च। कोविड-19 के कारण इस शैक्षिणक सत्र में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। इस कमी को कैसे पूरा किया जाए ताकि बचे हुए सलेबस को पूरा करवाया जा सके। इसी बारे में उपायुक्त अजय कुमार
ने आज शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। डीसी ने कहा कि शिक्षा अधिकरी आत्मप्रेरित रहें और सभी प्राचर्यों को भी समय-समय पर प्रेरित करें। अधिकारी मीटिंग एवं मॉनिटरिंग बढ़ाएं। समयबद्ध उचित रणनीति बनाकर चलें। हमारे पास दोहरा चैलेंज है। एक तरफ हमें पिछले वर्ष की तुलना में परिणाम बेहतर करना है वहीं दूसरी तरफ इस वर्ष प्रभावित हुई पढ़ाई को पूरा करवाना है। उपायुक्त ने कहा कि इस बार नकल मुक्त अभियान चलाया जाएगा। इसमें जिला प्रशासन द्वारा अतिरिक्त अधिकारियों को भी यह जिम्मेदारी दी जाएगी। किसी भी सूरत में नकल नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी सबसे खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों की पहचान करके इसके लिए अलग रणनीति बनाएं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि इस अभियान में अन्य स्कूलों पर भी साथ-साथ फोकस रहना चाहिए। डाइट फैक्ल्टी डेमो एक्जाम तैयार करें साथ ही अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएं ताकि हर हाल में कोर्स को पूरा किया जा सके। इस बैठक में एसडीएम मनोज कुमार, सीएमजीजीए कौस्तुभ विराट तथा सभी शिक्षा अधिकारी मौजूद थे। उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे इस बार अतिरिक्त मेहनत के साथ बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाएं। उन्होंने कहा कि गुरु का दर्जा बहुत बड़ा होता है। सरकारी स्कूलों के अध्यापक बहुत ही काबिल होते हैं। ऐसे में वे अपनी पूरी क्षमता के साथ बच्चों का कोर्स पूरा करवाएं। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। इस भविष्य को संवारने में सबसे अधिक भूमिका अध्यापक की ही होती है। सभी अध्यापक पूरी तरह से आत्म प्रेरित रहें और बच्चों को अपने खुद के बच्चे की तरह पढ़ाएं। इस चुनौतिपूर्ण माहौल में अध्यापकों की जिम्मेदारी सबसे अधिक हो जाती है।
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