कहा, मच्छरों को पनपने से रोकना होगा घरों में पड़ी बेकार वस्तुओं का करें निस्तारण तालाबों में डालें गम्बूजिया मछली खोजी एनसीआर साहून खांन नूंह नूंह, 07 मार्च : उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने स
वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रचार के विभिन्न माध्यमों से जागरूक करें। ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों आदि मेंं मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि लोगों को मच्छर से फैलने वाले रोगों से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्य करें तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को भी इस अभियान के साथ जोड़े। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे कृषि मेलों का भी लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जिला में गत वर्ष मलेरिया एवं डेंगू के मामले कम हुए हैं, जबकि चिकनगुनिया का कोई मामला नहीं था। उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने जिला वासियों का आह्वïन किया कि वे घरों में पड़ी बेकार वस्तुओं का उचित ढंग से निस्तारण करें ताकि इनमें पानी जमा होने से मच्छर न पनपे। उन्होंने मच्छर से फैलने वाली विभिन्न बीमारियों की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि मच्छर जनित रोग बीमारियों से बचाव के लिए यह सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी लम्बे समय तक पानी खड़ा न हो। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। मिट्टी के गड्ढे को भरवाया जाए तथा गढ्ढïों में खड़े पानी में मिट्टी का तेल तथा तालाबों में गम्बूजिया मछली डाली जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए किए जा रहे सभी प्रबंधों की डाक्यूमैंट्री तैयार की जाए। उन्होंने जिला में उपलब्ध फोगिंग मशीनों के बारे में भी जानकारी हासिल की। बॉक्स मच्छर का जीवन चक्र मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे आस-पास कहीं भी पानी जमा न हो। लारवा रोधी गतिविधि महत्वपूर्ण है। मच्छर के जीवन चक्र में अण्डा 48 घंटे, लारवा 7 से 14 दिन, प्यूपा 2 से 3 दिन तथा व्यस्क मच्छर दो सप्ताह से 35 दिन तक जिंदा रहता है। हम अपने कार्यालयों व दफतरों में पानी के सभी बर्तनों, टैंक, कूलर इत्यादि को सप्ताह में एक बार अवश्य सुखाएं ताकि इनमें मच्छर का लारवा न पनपें। बॉक्स मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कुछ सरल उपाय हैं, जिनपर अमल करके हम मच्छरों को पनपने से रोक सकते है। अपने घर के आस-पास पानी खड़ा न होने दें, क्योंकि खड़े हुए साफ पानी में ही मच्छर पनपता है। सप्ताह में एक दिन ड्राई-डे मनाएं अर्थात अपने कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तन, हौदी को सुखाकर ही पानी भरें,यदि कूलर उपयोग में नहीं लाए जा रहे है तो उन्हें रगडक़र साफ करके सुखाकर ही रखें। पानी से भरे हुए गढ्ढïों को मिट्टी से भर दें और यदि संभव न हो तो हर सप्ताह उसमें काला तेल डालें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें अथवा मच्छरनाशक क्रीम का प्रयोग करें। घर के दरवाजों एवं खिड़कियों पर जाली का इस्तेमाल करें। सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र ने कहा कि डेंगू मलेरिया एवं चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इन सभी बीमारियोंं की निशुल्क जांच व ईलाज जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। सरकार द्वारा डेंगू व चिकनगुनिया की जांच के लिए 600 रूपए निर्धारित किए गए है। यदि घरों व कार्यालयों में मच्छर के अण्डे व लारवा पाया जाता है तो चालान या जुर्माना किया जा सकता है।
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