-- विजय बंसल ने कहा, धारा 7 ए हटाने को लेकर कार्यवाही करे सरकार। -- एक तरफ तो आए महीने सरकार को हो रहा करोड़ों के राजस्व का नुकसान, तो वही आमजनमानस हो रहा परेशान। खोजी/सुभाष कोहली। कालका। शिवालिक व
कास मंच के प्रधान व राज्य सरकार में चेयरमेन रह चुके विजय बंसल एडवोकेट ने हाल ही में इलाके में लागू विनियमन एक्ट की धारा 7 ए को लेकर जारी हुई अधिसूचना को लेकर कहा है कि जिला पंचकूला में लागू विनियमन एक्ट की धारा 7 ए के अंतर्गत 212 गावों में से 113 गांवों को नगरीय क्षेत्र अधिसूचित करने से आमजनमानस को कोई फायदा नही होने वाला है। विजय बंसल ने कहा,भाजपा-जजपा सरकार को घमंड छोड़कर धारा 7 ए हटाने को लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। धारा 7 ए के अंतर्गत गावों को शहरी क्षेत्र अधिसूचित करने से धारा 7 ए नही हटेगी इसके लिए सरकार को पहले की तरह रजिस्ट्रियां खोलनी चाहिए और 25 नवम्बर 2020 की इस अधिसूचना को रद्द करने के आदेश पारित करने चाहिए। विजय बंसल का कहना है कि एक तरफ तो आए महीने सरकार को करोड़ो के राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वही आमजनमानस भी परेशान है। शहरी क्षेत्र अधिसूचित करने से किसी भी तरह आमजनमानस को कोई फायदा नही है, बल्कि इससे अब ग्रामीण इलाकों में होने वाली रजिस्ट्रियों की स्टाम्प फीस शहरी क्षेत्रों के मुकाबले लगेगी जबकि सुविधाएं नामात्र हैं। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार धारा 7 ए हटाने को लेकर कोई जिक्र होगा परन्तु ऐसा नही हुआ।आलम यह है कि अभी भी 7 ए के प्रोविजन अभी पूरे जिले में लागू है, जबकि इससे हर जगह सरकार व आम आदमी को नुकसान हो रहा है। दरअसल, हरियाणा सरकार के नगर व ग्राम आयोजना विभाग द्वारा 25 नवम्बर 2020 को एक अधिसूचना जारी करते हुए हरियाणा नगरीय क्षेत्र और विकास अधिनियम 1975 की धारा 7 ए को लागू कर दिया था जिसमे इलाके के 212 गावों को शामिल कर दिया था। इस एक्ट के अनुसार जहां तो 1 एकड़ से कम की कोई क्रय, विक्रय, पट्टा अथवा उपहार सम्बंधित दस्तावेजो के पंजीकरण नही होगा तो वही कोई छोटे प्लाट की रजिस्ट्री भी नही हो रही है। ऐसा होने से अब लोगों के लिए दिक्कत खड़ी हो गई है। खास बात यह है कि हरियाणा के जिला पंचकूला में ही विनियमन एक्ट 1975 की धारा 7 क को भी लागू किया गया है। विजय बंसल ने कहा कि यह इलाका शिवालिक क्षेत्र के अधीन है और अर्ध पहाड़ी-पिछड़ा क्षेत्र है, इसलिए यहां नियमों में छूट का प्रावधान भी है। अधिकतर लोग गरीब, रिटायर्ड व माध्यम वर्गीय परिवारों से है जिन्होंने अपनी जीवन की पूरी पूंजी लगाकर रहने के लिए आइशियाना बनाए हैं, जबकि अधिकतर कालोनियों में प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं भी पहुंचाई जा चुकी है और लोगों ने बिजली के मीटर, सरकारी पानी जैसी सुविधाएं भी ले ली हैं। ऐसे में विनियमन अधिनियम 1975 के तहत अब रजिस्ट्रियां न करने के कानून को लागू करना गलत है। यह भी साफ है कि राज्य सरकार जनता को बसाने में नही, उजाड़ने में लगी हुई है।
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