दशकों से चल रही नूंह-अलवर हाइवे 248ए को फोरलेन बनाने की मांग

Khoji NCR
2021-03-04 11:20:18

चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका नूंह मुख्यालय से लेकर अलवर बॉर्डर तक करीब 55 किलोमीटर के अधूरे पड़े फोरलाइन हाईवे के टुकड़े को बनाने में हो रही देरी लगातार इंसानी जानों पर भारी पड़ रही है। पिछले दो

िनों में मेवात के अंदर खूनी हाईवे पर 5 लोगों की मौत हुई है जिसमें दो महिलाएं भी शामिल है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए यह हाइवे बड़ी चुनौती बन गया है। मेवात क्षेत्र से गुजरने वाले नूंह वाया बड़कली चौक-अलवर हाईवे 248ए को लेकर सामाजिक संगठनों ने बुधवार को बड़कली चौक से जनजागरण अभियान शुरू किया है। संगठनों के साथ मिलकर लोगों ने सड़कों के किनारों और मकानों की दीवारों पर खूनी हाईवे लिखना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने लोगों की मांग पर इसे फोरलेन करने के लिए गतवर्ष केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी, जो ठुकरा दी गई थी। बतादें कि जाने माने सामाजिक संगठन गालिब मौजी खान फाउंडे़शन एवं मेवात आरटीआई मंच ने हरियाणा दिवस एक से सात नवंबर 2018 में 7 दिवसीय तक धरना किया था। वर्ष 2020 में हरियाणा दिवस पर ही 1 से 23 नवंबर तक मरोडा गांव में धरना दिया गया था। दुर्भाग्य रहा कि गतवर्ष किसी भी पार्टी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया। फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक चौधरी मम्मन खान इंजीनियर ने हरियाणा विधानसभा में उठाया था। हालांकि इससे पहले भी फिरोजपुर झिरका से दो बार विधायक रहे चौधरी नसीम अहमद ने भी फोरलेन करने के लिए हरियाणा विधानसभा के पटल पर रखा था। पिछले 22 नवंबर 2020 को जननायक जनता पार्टी के जिला प्रभारी एवं पूर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी आजाद मोहम्मद के अलावा जजपा जिलाध्यक्ष चौधरी तैयब हुसैन घासेडिया ने किसान रैली में मेवात की राजधानी (नगीना) बड़कली चौक उप मुख्यमंत्री के मंच पर उठाया था। जिस पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने भाषण में नूंह से अलवर बॉर्डर तक फोरलेन का ऐलान किया था। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने साफ शब्दों में कहा था कि दिल्ली से मुंबई वडोदरा एक्सप्रेसवे बनने के बाद सड़क मंत्रालय भारत सरकार ने इसे फोरलेन बनाने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था इसलिए नूंह-अलवर हाईवे को अब हरियाणा सरकार 2021 में केंद्र से फाइल वापस आने के बाद अपने खर्चे से बनाएगी। इस हाइवे पर अब सालाना पौने 250 मौतें हो रही है। गालिब मौजी फाउंडेशन एवं मेवात आरटीआई मंच के राष्ट्रीय चेयरमैन अलाऊद्दीन बताते हैं कि हरियाणा प्रदेश की किसी भी सरकार ने इस हाइवे को बनाने पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि मौजूदा सरकार के मंत्री नितिन गडकरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नकारात्मक रवैैया रहा था। उन्होंनेे ने बताया कि मजबूरन युवाओं ने सड़क के दोनों तरफ खूनी हाइवे लिखकर अभियान चलाया हुआ है तीन साल हो चुके है। गुरुग्राम से सोहना तक छह लेन हाइवे बनाया जा रहा है। लेकिन मेवात शुरू होते ही निर्माण कार्य को नामंजूर कर दिया गया। इससे साबित होता है कि सरकार सकारात्मक नहीं है। जबकि नीति आयोग ने नूंह मेवात को देश का सबसे पिछड़ा जिला है। समाजसेवी शमीम अहमद साकरस, मुबारिक अटेरना ने बताया कि जनवरी 2013 से 28 फरवरी 2021 तक जिले में 5100 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। दुर्घटनाओं में 1578 लोगों की मौत हुई तथा 3925 लोग घायल हुए। पिछले कुछ वर्ष में नूंह जिले के अंदर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ने से सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग आपस में एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते आ रहे हैं। 2008 में रखी गई आधारशिला: साल 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से गुरुग्राम-नूंह-अलवर हाईवे 248 का दर्जा दिया गया था। फोरलेन बनाने के लिए 3 नवंबर 2008 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी ने नूंह हाईवे चौड़ीकरण की आधारशिला रखी थी।

Comments


Upcoming News