खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा ---------------------------------------------------------- नूंह। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत वर्तमान वित्तवर्ष के दौरान अब तक 29 पीडि़तों के बचत ख
ातों में 39 लाख 11 हजार 250 रुपये की आर्थिक सहायता हस्तांतरित की जा चुकी है। उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों पर होने वाले अत्याचारों के अपराधों को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के नियम की अधिसूचना 31 मार्च 1995 को जारी की गई थी। प्रदेश सरकार द्वारा इस अधिनियम को ज्यों का त्यो लागू किया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचार से पीडि़त व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अधिनियम की अधिसूचना के अनुसार किसी अनुसूचित जाति अथवा जनजाति पर अन्य वर्गों के अत्याचारों से पीडि़त जैसे घृणाजनक पदार्थ पिलाना या खिलाना, अनादर सूचक कार्य, बेगार, अपमान, लज्जा भंग करना, लैंगिक शोषण, पानी गंदा करना व हत्या पर अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्तियों को 85 हजार रुपये से लेकर 8 लाख 25 हजार रुपये तक की राशि आर्थिक सहायता के रूप में दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि ऐसे पीडि़त व्यक्ति इस अधिनियम का लाभ उठाने के लिए प्रदेश सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट पर आवेदन पत्र अपलोड करें। आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र की फोटो प्रति, एफआईआर की प्रति तथा चिकित्सा प्रमाण पत्र अथवा पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा एमएलआर की रिपोर्ट आवश्यकता अनुसार संलग्न करनी है। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए जिला कल्याण अधिकारी, तहसील कल्याण अधिकारी, निकटतम थाना प्रभारी अथवा चौकी प्रभारी सम्पर्क किया जा सकता है।
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