हथीन/माथुर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मिंडकोला में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बहुत धूमधाम से मनाया गया। यह दिवस भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन के प्रसिद्ध अविष्कार रमन
फेक्ट की याद में मनाया जाता है। यह अविष्कार स्पेक्ट्रोस्कॉपी से संबंधित है। सी.वी.रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन इफेक्ट का अविष्कार किया था। उनकी इस प्रसिद्ध खोज को सम्मानित करने के लिए 1986 में नेशनल काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने के लिए हर बार एक नया थीम दिया जाता है। इस वर्ष यानि 2021 में इसका थीम है-फ्यूचर ऑफ एस.टी.आई-इम्पैक्ट ऑन एजुकेशन, स्किल्स एंड वर्क। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मिडकोला में इस विशेष दिवस को बहुत जोश, उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाचार्य जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सीवी वेंकटरमन के जीवन, उनकी खोजों और उनके जीवन की कठिनाइयों का वर्णन करते हुए बच्चों को जीवन में कठिनाइयों से ना घबरा कर हमेशा अपने जीवन में आगे बढ़ते रहने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। रसायन शास्त्र प्रवक्ता कविता रानी ने मंच संचालन करते हुए सी.वी रमन का परिचय दिया और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण में भाग लेने वाले बच्चों को आमंत्रित किया। 11वीं कक्षा के सहीराम और संजना ने व बारहवीं कक्षा के हर्ष ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में भाषण दिया। इसके पश्चात क्विज का आयोजन किया गया। जिसमें 5 टीमों ने भाग लिया। सी.वी रमन टीम, अल्बर्ट आइंस्टीन टीम, मेंडलीव टीम, नील्स वोहर टीम और जॉर्ज मेंडल टीम। इस क्विज में सी.वी रमन टीम ने प्रथम, नील्स वोहर टीम ने द्वितीय और अल्बर्ट आइंस्टीन टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों ने अपने द्वारा बनाए गए चार्टस, पोस्टर्स और मॉडलों की प्रदर्शनी प्रस्तुत की और इनके बारे में विस्तार से बताया। इस समस्त कार्य को करने में विज्ञान संकाय की प्रवक्ताओं कविता रानी, रेखा चौधरी और विनीता मिश्रा का विशेष योगदान रहा। उक्त समस्त कार्य प्रधानाचार्य जितेंद्र यादव जो कि स्वयं विज्ञान संकाय से सम्बंधित हैं की अध्यक्षता और मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में संस्कृत प्रवक्ता राजबाला, सूबे सिंह, वेद प्रकाश, मनोज, ऋतु, कपिल, विजयवीर और सत्यदेव का विशेष योगदान रह।
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