खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूंह। अतिरिक्त उपायुक्त डा. मुनीष नागपाल की अध्यक्षता में आज लघु सचिवालय के सभागार में सर्वे शिक्षा अभियान को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि जिले में ड्रा
आउट बच्चों के लिए सर्वे का कार्य 22 फरवरी से शुरु किया जा रहा है। उन्होंने सभी स्कूल मुखियाओं की जिम्मेवारी दी गई है वे अपने स्कूल में झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले परिवारों के बच्चे, जो स्कूल नहीं जाते या किसी कारण से पढ़ाई बीच में छोड़ गए हैं। जिले से ऐसे ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान कर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए प्रदेश सरकार का सहयोग करें। अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी अभिभावक को कहा कि वे रुचि लेकर अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के भेजे। उन्होने मुख्यतौर पर लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया है,और कहा कि वह प्रतिदिन बच्चों को लाने के लिए उनके घर जाए। उन्होंने कहा कि लड़कियां 13 से 14 साल की हैं जिन्हें अभिभावकों ने पढ़ाई छुड़वा कर घरेलू काम में लगा देते है और इन बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ-साथ माता-पिता व छोटे-बड़ों से व्यवहार कैसे करना है ये भी सिखाया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश गोरिया ने बताया कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी स्कूल छोड़ रहे हैं। इससे स्कूलों में प्रतिवर्ष छात्रों की संख्या घट रही है। जिसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय स्कूलों में से ड्राप आउट बच्चों को स्कूल से जोडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि ड्राप आउट बच्चों का सर्वे 22 फरवरी से शुरू कर दिया जाएगा और स्कूल छोडऩे वाले 5 साल से 18 साल तक के बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में अभिभावकों से बच्चों के स्कूल छोडऩे का कारण पूछा जा रहा है। वहीं अभिभावकों को शिक्षा महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है। ताकि बच्चों को स्कूल से जोड़ा जा सके। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि गरीबी की वजह से बहुत से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय उन्हें कूड़ा बीनने, भीख मांगने जैसे काम में लगा देते हैं। इससे मिलने वाले प्रतिदिन 50 से 100 रुपये के लालच में अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा से वंचित रखते हैं। खुद भी अनपढ़ होने के साथ वे अपने बच्चों को भी अज्ञानता के अंधेरे से निकलने देते। जो उनके जीवन स्तर के सुधरने में बड़ी बाधा है। इस मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अनूप जाखड़, डीपीसी डा. अब्दूल रहमान, सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारी व स्कूल अध्यापक मौजूद रहें।
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