नई दिल्ली, । Coronavirus & Antibodies: एंटीबॉडीज़ न सिर्फ संक्रमण का इलाज करती हैं, बल्कि इसे भविष्य में होने से रोकती भी हैं। आपका शरीर जब एक बार किसी रोगाणु के खिलाफ एंटीबॉडीज़ बना लेता है, तो रोगाणु के लिए क
छ समय के लिए शरीर को संक्रमित करना मुश्किल हो जाता है। कोविड-19 के मामले में पहले ऐसा पाया गया था कि इसी तरह के वायरस की एंटीबॉडीज़ भी कोरोना से कुछ हद से सुरक्षित रख सकती हैं। हालांकि, एक नए शोध में नई बातें पता चली हैं। नए शोध के मुताबिक, आम ज़ुकाम की वजह से शरीर में बनीं एंटीबॉडीज़ आपको कोरोना वायरस से नहीं बचा पाएंगी। क्या कहती है नई स्टडी पेंसिलवेनिया के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में कोविड महामारी से पहले मौसमी कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए करीब 100 लोगों के ख़ून के नमूनों की जांच की थी। जिसमें पाया गया कि लगभग 20 प्रतिशत लोगों में मौसमी कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज़ थीं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ये एंटीबॉडीज़ सर्दी पैदा करने वाले वायरस और SARS-CoV-2 से सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, बाद में जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ उनके लिए ये एंटीबॉडीज़ काम नहीं आईं। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि आम ज़ुकाम की एंटीबॉडीज़ छोटे बच्चों को भी कोविड-19 संक्रमण से नहीं बचाएंगी। हालांकि, छोटे बच्चे कितनी जल्दी कोविड से संक्रमित हो सकते हैं, और कितीन आसानी से इस संक्रमण को फैला सकते हैं, इस विषय पर अब भी बहस जारी है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि बच्चे औप बड़े दोनों में मौसमी कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज़ का स्तर समान होता है। जिसे CoV कहा जाता है। जिसका मतलब ये हुआ कि CoV एंटीबॉडीज़ गंभीर कोविड-19 संक्रमण से बच्चों का बचाव नहीं कर सकतीं। इस शोध में कहा गया कि आम ज़ुकाम की एंटीबॉडीज़ भले ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव नहीं कर सकतीं, लेकिन ऐसा संभव है कि पहले से मौजूद मेमोरी बी-सेल्स और टी-सेल्स एक हद तक सुरक्षित रख सकती हैं, या कम से कम कोविड संक्रमण को गंभीर बनने से रोक सकती हैं।
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