अब जांचों को प्रभावित कराने का नहीं होगा प्रयास, रिपोर्ट आने में भी नहीं होगी देरी : आरसी मिश्रा

Khoji NCR
2021-02-15 10:46:42

हथीन / माथुर : आपराधिक मुकदमों के लिए जाने आवश्यक सैम्पल्स की जांच के लिए सरकार ने अब पूरी तरह गोपनीयता वाला सिस्टम लागू कर दिया है। ऐसे में केस को प्रभावित करने के प्रयासों पर अंकुश लग सकेगा।

इसके तहत थाना से लेकर लैब तक नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। लैब्स के कामकाज पर नजर रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं पुलिस हाउसिंग के निदेशक आर सी मिश्रा ने बताया कि न केवल गोपनीयता से सैम्पल्स की जांच होगी, वहीं समय पर रिपोर्ट भी मिलेंगीं। हत्या,बिसरा,दस्तावेजों की जांच, लाई डिटेक्टर, एनडीपीएस, क्राइम अगैस्ट वोमेन, केमिस्ट्री एवं भौतिक जांच सब गोपनीय तरीके से होंगीं। विभिन्न मुकदमों के लिए लिए जाने सैम्पल्स की गोपनीयता के नई व्यवस्था से पलवल एवं फरीदाबाद जिलों को ज्यादा लाभ होगा। अब तक यहां से लिए गए सैम्पल्स मधुबन करनाल की स्टेट लैब में जाते थे। जोकि दोनों फरीदाबाद और पलवल से बेहद दूर है। अब कम समय पर सैंपल भेजे जा सकेंगे। इसके अलावा दोनों जिलों के कई मामलों में आरोप लगे हैं कि आरोपित पक्ष ने लैब में जाकर सैम्पल्स की जांच कार्य को प्रभावित किया। अब गोपनियता की नीति आरोपी सैम्पल्स जांच को प्रभावित नही कर पाएंगें। साथ ही कम समय में रिपोर्ट मिलेगी। फरीदाबाद के डीसीपी रहे एवं रिटायर पुलिस अधिकारी पूरण चंद पंवार ने बताया कि नई व्यवस्था से दोनों जिलों के लोगों को भी लाभ होगा। नई व्यवस्था के तहत अब फॉरेंसिक साइंस लैब्स में मैन्युअल वर्क नही होंगें। थानों से ही सैम्पल्स पर कोडिंग लगाकर सैम्पल्स भेजे जायेंगें। उसके बाद लैब्स में सैम्पल्स पहुंचने पर उसका नंबर अलग होगा। लैब्स में काम करने वाले को यह पता नही लग पायेगा सम्बंधित सैम्पल्स कौन से थाने के हैं। इससे गोपनीयता बनी रहेगी। सैम्पल्स जांच में कोई बाहरी हस्तक्षेप नही होगा। पहले सैम्पल्स जांच के लिए भेजते समय उसके साथ एफआईआर नंबर एवं सम्बंधित थाना का भी नाम जाता था। इससे लोग सैम्पल्स जांच को भी मैनेज करने का प्रयास करते थे। लेकिन अब सब गोपनीय रहेगा। आइपीएस मिश्रा ने बताया कि पूरी तरह से एडवांस गोपनीय ट्रेकिंग सिस्टम शुरू कर दिया गया है। राज्य में सबसे बड़ी लैब मधुबन करनाल में है। इसके अतिरिक्त भौंडसी, हिसार,पंचकूला एवं रोहतक सुनारिया में रीजनल लैब्स हैं। सभी लैब्स में उक्त व्यवस्था शुरू कर दी गई है। बायोलॉजी,सिरोलॉजी एवं कारतूसों की जांच के लिए आधुनिक तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्रतिदिन औसतन दो सौ सैम्पल्स लैब्स में आते है। इस तरह साल में 17 हजार सैम्पल्स की जांच होती है। अधिक सैम्पल्स सोमवार और शुक्रवार को लैब्स में पहुंचते हैं। साउथ हरियाणा रेंज के आई जी विकास अरोड़ा के कहना है कि नई व्यवस्था कारगर रहेगी। साउथ हरियाणा रेंज के अंतर्गत पलवल ,नूँह,रेवाड़ी,नारनौल जिले आते हैं। उनका कहना है कि इस व्यवस्था के तहत अब सैम्पल्स की जांच रिपोर्ट जल्द भी आएगी। उल्लेखनीय है कि बीजेपी सरकार आने से पूर्व राज्य में मात्र एक मधुबन लैब थी। वर्तमान गृह मंत्री अनिल विज ने अन्य लैब्स की स्थापना कराई।

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