चिराग गोयल, फिरोजपुर झिरका। गुरूग्राम अलवर हाईवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं, इसलिए इस मार्ग का नाम लोगों ने खूनी हाईवे रखा हुआ है। लेकिन नीति आयोग का सबसे पिछड़ा जिला नूंह को लेकर केंद्र और राज
्य सरकार कतई गंभीर नहीं है। क्योंकि जुलाई 2018 से ट्रामा सेंटर और फोर लाइन की प्रक्रिया धूल फांक रही है। अमलीजामा पहनाने का जिले वासियों को बेसब्री से इंतजार है। यहां तक की सवाल उन लोगों पर भी उठने लगे हैं जो नीति आयोग की तरफ से नूंह जिले का मूल्यांकन करने में जुटे है। हालांकि नगीना क्षेत्र में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए जमीन की तलाश स्वास्थ विभाग करने लगे हैं। लेकिन देरी करना नूँह जिले के लोगों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। नूंह मुख्यालय पर 500 बेड का मेडिकल कालेज पहले से ही बना हुआ है। अगर ट्रामा सेंटर व फोर लाइन न बनाना नूँह की आधी आबादी को सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। इसलिए लोगों की मांग है कि ट्रामा सेंटर जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में ही जल्द बनाया जाए और फोर लाइन का कार्य पूरा कराया जाए ताकि लोग दोनों सुविधा ले सकें। जिले में हुई दुर्घटनाओं पर एक नजर: गुरूग्राम-अलवर हाईवे पर साल 2013 में 303 सडक़ दुर्घटनाएं, 152 लोग मरे और 198 घायल हुए। वहीं 2014 में 373 दुर्घटनाएं, 139 मौत, 316 घायल, 2015 में 425 दुर्घटना, 141 मौत, 454 घायल, 2016 में 467 दुर्घटना, 189 मौत, 469 घायल, 2017 में 545 दुर्घटना, 247 मौत, 544 घायल, 2018 में 557 दुर्घटना, 239 मौत, 599 घायल, 2019 में 560 दुर्घटना, 237 मरे, 562 घायल, 2020 में 541 दुर्घटना, 213 मरे, 555 घायल, जनवरी 2021 मेंं 52 दुर्घटना,19 मरे,49 घायल हुए हैं। इसके अलावा इस साल भी दर्जन भर लोग इस हाईवे पर अपनी जान गवां चुके है। इसलिए जिले के बीच मांडीखेडा मेें जल्द ट्रामा सेंटर व फोर लाइन बनना चाहिए। ....................... वर्तमान विधायक ममन खान इंजीनियर का कहना है कि ट्रामा सेंटर की मंजूरी मिल गई है, कोरोना की वजह से ट्रामा सेंटर का काम रुका हुआ है। परंतु फोर लाइन की लड़ाई अभी जारी है विधायक ममन खान इंजीनियर ..................... इस संबंध में सरकार से लगातार बात की जा रही है, उम्मीद है जल्द हमारी इस दोनों मांग को पूरा किया जाएगा। नसीम अहमद पूर्व विधायक व बीजेपी नेता
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