होडल, 11 फरवरी, डोरी लाल गोला हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा जिला पलवल की कार्यकारिणी मीटिंग होडल रैस्ट हाउस में संपन्न हुई।मीटिंग
की अध्यक्षता जिला प्रधान बीर सिंह सौरोत व संचालन जिला सचिव बिजेंद्र सिंह चौहान ने किया। आज की मीटिंग को संबोधित करते हुए मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के राज्य कमेटी के सदस्य योगेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने पीडब्ल्यूडी के तीनों विभागों को निजी हाथों में सौंप कर जन सेवाओं के विभागों को समाप्त करने की योजना बना दी है। यूनियन किसी भी सूरत में तीनों विभागों का निजी करण नहीं होने देगी इसके लिए आंदोलन किया जाएगा। सरकार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जल वितरण योजनाओं को अमृत योजना के तहत नगर पालिका और नगर निगमों को हस्तांतरित करने का प्रारूप तैयार कर चुकी है। जबकि ग्रामीण जल वितरण की योजना पंचायतों के हवाले की जा रही है। इस कार्य को करके सरकार पहले से मंजूर कर्मचारियों के पदों को समाप्त कर रही है। नई भर्तियां बंद हैं पंचायती राज को मजबूती प्रदान करने के नाम पर पंचायती पंप ऑपरेटरों का भारी शोषण हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पंचायती पंप ऑपरेटर एक साल से वेतन के लिए तरस रहे हैं। बीडीपीओ का कार्यालय बजट नहीं होने का बहाना बना कर ट्यूबवेल ऑपरेटर को वेतन नहीं दे रहा है। जबकि डायरेक्टर पंचायती राज विभाग चंडीगढ़ बजट एलॉटमेंट करने की गारंटी दे रहा है। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की मनमानी की वजह से जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी परेशान हैं। बैठक में सिंचाई विभाग और लोक निर्माण डिवीजन के कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं होने पर भी भारी नाराजगी व्याप्त की गई । आज की बैठक में योगेश शर्मा व जिला प्रधान बीर सिंह सौरोत ने बताया कि राज्य की सरकार लगातार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। सड़कों की मरम्मत और पैच वर्क के कार्य भी ठेकेदारों से ही करवाए जा रहे हैं कमोबेश ऐसे ही हालत सिंचाई विभाग में हैं। यहां पर नेहरो के तट बंध की रिपेयरिंग का कार्य भी ठेकदारों से करवाए जा रहे हैं। भवन व मार्ग शाखा के तमाम मुख्य सड़कों को पूंजीपतियों के हवाले कर दिया गया है। जिसमें रोड टैक्स चुकाने के बावजूद लोगों से टोल टैक्स के रूप में भारी धनराशि ली जाती है। नई सड़कों के निर्माण का कार्य के संपन्न होने के बाद मेंटेनेंस वर्क का काम भी 5 वर्ष के लिए ठेकेदार को ही दे दिया जाता है। सड़कों का निर्माण हो रहा है लेकिन इन पर एक भी बेलदार नहीं लगाया जाता है। जबकि पहले एक किलोमीटर पर एक बेलदार की नियुक्ति होती थी। सारे पैरामीटर बदल दिए गए हैं।इसी तरह सड़कों पर हो रहे गहरे खड़ों को भरने का काम भी ठेकेदारों से करवाया जाता है। यह कार्य आउट सोर्स कर ठेकेदारों को सौंपा गया है। दूसरी तरफ जन सेवा विभाग में शहरी जल व मल प्रबंध का कार्य नगर निगमों, पालिकाओं को दिया जा रहा है।जबकि निगमों के पास पर्याप्त तकनीकी स्टाफ भी नहीं है। सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता,एलटीसी व नई भर्ती पर रोक लगा रखी है। बैठक में आउटसोर्सिंग पॉलिस को वापिस ले कर तमाम कच्चे कर्मचारियों को पूर्व की भांति पे रोल पर लेने की मांग की गई है। इस बैठक में पुरानी पेंशन बहाल कर एन पी एस को रद्द करने,विभागों में नए पद सृजित करने नियम से नियमित भर्ती करने की मांगकी गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिला कोषाध्यक्ष हरकेश सौरोत ने बताया कि सरकार ने श्रम कानूनों को कारपोरेट घरानों के हक में बना दिए हैं। इनको वापस लिया जाना चाहिए । यूनियन की राज्य कमेटी ने कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने, कैनाल गार्डों को तृतीय श्रेणी का कर्मचारी घोषित करने, पंचायती पंप ऑपरेटरों को नियमित वेतन देने, सेवा नियमों में संशोधन करने, कर्मचारियों की एसीपी लगाने और पदोन्नति करने की मांग को लेकर आगामी 18 फरवरी को उपायुक्त कार्यालय पलवल के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस धरने के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त के मार्फत मांगों का ज्ञापन दिया जाएगा।अगर इसके बाद भी कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं होता तो 14 मार्च 2021 को करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।18 फरवरी को उपायुक्त को ज्ञापन देने के बाद पलवल जिले में किसानों के आंदोलन का समर्थन करने का निर्णय लिया गया जिसकी तैयारी को लेकर हमारी सभी ब्रांच की मीटिंग की जाएंगी और सभी कर्मचारियों को भाग लेने के लिए उत्साहित किया जाएगा। आज के मीटिंग में जिला के उपप्रधान प्रताप फौजी, , सिंचाई विभाग के प्रधान सतपाल, राजेश शर्मा पब्लिक हैल्थ पलवल ब्रांच के प्रधान बालकिशन शर्मा, होडल पब्लिक हैल्थ ब्रांच के प्रधान महेन्द्र सिंह , सचिव सुरेश चन्द, बी एंड आर के प्रधान राजपाल, सिंचाई विभाग के चैयरमेन राजेन्द्र सिंह,प्रधान हरिचंद रावत , आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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