पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां हथीन/माथुर : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ब्रहमदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया व डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीर एव
प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के टीकाकरण के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। इसलिए कोई भी बुखार होने पर कोविड-19, मलेरिया व डेंगू की जांच जरूर करवाएं। जिससे समय रहते इलाज किया जा सके। सीएमओ ने बताया कि पिछले वर्ष कि तुलना मे इस वर्ष मलेरिया पर काफी अंकुश लग चूका है। पिछले वर्ष मलेरिया के 33 मामले थे जबकि मौजूद नए वर्ष में अभी तक कोई भी मामला नहीं आया है और डेंगू के पिछले वर्ष 6 मामले थे और इस वर्ष में कोई भी मामला नहीं आया है। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि मलेरिया व डेंगू फैलाने वाले मच्छर ठहरे हुए पानी मे अंडे देते हैं। जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढौतरी तेजी से होती है। इसलिए उन्होंने तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की सभी प्रकार की टीमों को ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई डलवाने के दिशा निर्देश दिए हुए हैं, जिससे मच्छरों कि उत्पत्ति पर रोक लग सके। उन्होंने बताया कि जिला पलवल मे ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन सम्बन्धी मच्छर के लार्वा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। सीएमओ डा. ब्रहमदीप सिंह ने बताया कि प्रत्येक रविवार को सभी कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र मे लोगों को ड्राई डे के रूप मे मनाने के लिए भी प्रेरित कर रहे है। जिसमें सभी आमजन अपने-अपने क्षेत्र मे कूलर, टंकियों को अच्छी तरह से कपडे से रगडकर साफ कर ले। इसलिए जिले में सभी लोग रविवार को शुष्क दिवस के रूप में मना रहे हैं। उन्होंन बताया कि पिछले वर्ष जिले में 2 लाख 97 हजार 303 घरों कि जांच स्वास्थ्य विभाग कि टीमों द्वारा की गयी थी और जिन घरो मे मच्छर का लार्वा मिला था उन सभी 2 हजार 307 घरों मे चेतावनी सम्बंधित नोटिस दिए गए थे और साथ मे हिदायत भी दी गई थी कि आगे से पानी के सभी स्त्रोतों की सप्ताह मे एक बार पानी को सुखा कर अच्छी प्रकार से कपडे से रडगडकर साफ करेंगे, जिससे मच्छरों कि बढौतरी पर रोक लग सके। मलेरिया के मुख्य लक्षण सर्दी व कपकपी के साथ तेज बुखार का होना सिरदर्द होना व गंभीर मामलो मे उल्टिया होना मलेरिया का उपचार व बचाव कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त खून की जाँच कराएं। मलेरिया होने पर तुरन्त 14 दिन का पूर्ण आमूल उपचार स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे लें। क्योकि आमूल उपचार न लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से खून की कमी हो जाती है जोकि बहुत घातक होती है। मलेरिया से बचाव के उपाय घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडकाव करवाएं, मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी बाजू के कपडें पहनें, घर के आस-पास पानी इकटठा न होने दें, बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गडडों को भर दिया जाए।
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