बीजिंग, । दशकों तक चले एक बच्चे की नीति के कारण जन्म दर में लगातार हो रही गिरावट ने चीनी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। इसके लिए चीन ने अपने अधिकारियों को मैचमेकिंग का काम सौंपा है। चीनी कम्युनिस्ट
पार्टी का मानना है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो सरकार के लिए खतरा पैदा हो सकता है। अधिकारी अब केवल युवा लोगों को शादी करने के लिए प्रोत्साहित ही नहीं कर रहे हैं, ब्लकि वह विवाहित जोड़ों को भी साथ रखने की कोशिश कर रहे हैं। सीसीपी की युवा शाखा कम्युनिस्ट यूथ लीग ने मैचमेकिंग का जिम्मा उठाया है। इसका मकसद सामूहिक डेटिंग का आयोजन करना है, जिससे कि युवाओँ को जीवन साथी खोजने में मदद मिल सके। चीनी अधिकारियों नेका मानना है कि चीन की आबादी को नियंत्रित करने के लिए 1979 में शुरू की गई एक बच्चे की नीति के कारण शादी की दरों में गिरावट आती गई। नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लगातार छठे साल चीन की शादी की दर में प्रति 1,000 लोगों की संख्या 6.6 की है, जो की 14 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। आंकड़ों से यह भी पता चलाता है कि पहली बार शादी करने वाले चीनी लोगों की संख्या 2013 में 23.8 मिलियन (2 कोरड़ 38 लाख) थी, जो अब 41 प्रतिशत गिरकर साल 2019 में 13.9 मिलियन (एक करोड़ 39 लाख) हो गई है। चीन में दशकों तक चली एक बच्चे की नीति को साल 2016 में खत्म करके दूसरे बच्चे को जन्म देने की अनुमति दे दी गई थी। बुजुर्ग लोगों की बढ़ती आबादी के चलते चीन जनसांख्यिकी संकट का सामना कर रहा है। जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने सरकार से सीमित जनसंख्या नियंत्रण नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है। एक बच्चे की नीति ने चीन में विवाह को अन्य तरीकों से भी प्रभावित किया है। चीनी परिवारों विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेटों की चाहत ने लिंगानुपात को कम कर दिया है। वर्तमान में चीन में 30 मिलियन (3 करोड़) से अधिक पुरुष है, जो दुल्हन की तलाश में कठिन समय का सामना कर रहे हैं। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों में विवाह की उम्र में बदलाव आ गया है।1990 से 2016 तक, चीनी महिलाओं की शादी के लिए औसत उम्र 22 से 25 और चीनी पुरुषों की उम्र 24 से 27 हो गई है।
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