पुन्हाना, कृष्ण आर्य संतान की दीर्धायु,खुशहाली,समृद्धि,उन्नति के लिए शहर में महिलाओं ने संकष्टी चौथ माता का व्रत रखा। इस दौरान महिलाओं ने जहां सामूहिक रूप से अध्र्य देकर संकट माता की कहानी भ
सुनाई। देश में अपने अपने धर्म के अनुसार व्रत रखे जाते हैं लेकिन हिंदू धर्म में माधमाह के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी का व्रत रखने का अपना विशेष महत्व है। इसलिए महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु व सभी संकटों के समाधान के लिए इस व्रत(उपवास) को पूरी निष्ठा व आस्था के साथ रखती है। व्रत रखने वाली महिला समाज सेविका राधिका जैन,ने बताया की इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान परिवार के सौभाग्य के लिए व्रत रखती है। दिन में भगवान श्री गणेश का विधि पूर्वक पूजन करती है । रात्रि में चंद्र देव को अर्ध चढ़ा कर अपना व्रत खोलती है तथा परमपिता परमात्मा से देश की उन्नति,तरक्की एवं सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण की कामना करती है ।चतुर्थी को संकट चौथ, तिलकुट चौथ ,संकटा चौथ, के नाम से भी जाना जाता है। महिलाएं अपने संतानों की दीर्घायु खुशहाली के साथ-साथ अपने परिवार के सौभाग्य के लिए भी ईश्वर से विशेष कामना,प्रार्थना करती है ईश्वर भी उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए उनके बच्चों को दीर्घायु, खुशहाली,समृद्धि, उन्नति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।इस अवसर पर सुमन जैन ,प्रेमवती मंगला, कमला देवी,रजनी आदि उपस्थित रहे।
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