29 जनवरी यानी शुक्रवार से माघ मास शुरू होने वाला है। यह महीना 27 फरवरी 2021 तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह 11वां महीना होता है। इस माह में स्नान और दान का महत्व काफी ज्यादा होता है। इसे बेहद शुभ म
ाना जाता है। अगर माघ माह में किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाए तो व्यक्ति हर पाप से मुक्त हो जाता है। इस महीने में स्नान और दान का महत्व कितना महत्व है इसके पीछे कुछ पौराणिक कथाएं है जिसका वर्णन हम यहां कर रहे हैं। धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के दौरान उनके जितने भी रिश्तेदार मारे गए थे उन्हें सदगति दिलाने के लिए कल्पवास किया था। उन्होंने यह मार्कण्डेय ऋषि के कहने पर किया था। इसके अलावा गौतमऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया था जिससे उन्हें मुक्ति तब मिली थी जब उन्होंने माघ स्नान किया था। सिर्फ यही नहीं, माघ माह के धार्मिक अनुष्ठान के फलस्वरूप प्रतिष्ठानपुरी के नरेश पुरुरवा को भी उनकी कुरूपता से मुक्ति तब मिली थी जब उन्होंने माघ मास में स्नान किया था। मान्यता है कि माघ मास में जो पवित्र नदियों में स्नान करता है उसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार प्राप्त होता है। साथ ही वह निरोगी भी रहता है। माघ माह के दौरान जो व्यक्ति भगवान जगदीश्वर की पूजा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान भक्तों को पवित्र नदी में स्नान करते समय सूर्य मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति समस्त परेशानियों से मुक्त होकर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है।
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