नई दिल्ली, । पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के मद्देनजर आज दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच नौवां दौर की वार्ता हो रही है। बातचीत में कोर कमांडरों
के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के भी शामिल होने की खबर है। यह वार्ता एलएसी के पास भारतीय सीमा में पड़ने वाले चुशूल सेक्टर के सामने मोल्डो बॉर्डर प्वाइंट पर आयोजित हो रही है, जो चीन के नियंत्रण में है। भारत और चीन के बीच मई 2020 से ही तनाव जारी है। इसके मद्देनजर अब तक सैन्य स्तर आठ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कुछ ठोस नतीजा नहीं निकला है। लगभग दो महीने बाद दोनों पक्षों के बीच एक बार फिर सैन्य स्तर की वार्ता हो रही है। पिछली बार छह नवंबर, 2020 को चुशूल में ही आठवें दौर की वार्ता हुई थी। इसके बाद 18 दिसंबर, 2020 को विदेश मंत्रालय के स्तर वार्ता हुई। माना जा रहा है कि आज की बैठक में पिछली बैठकों के दौरान एक-दूसरे से की गई मांगों को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा होगी। बातचीत एलएसी पर तनावपूर्ण इलाकों से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर केंद्रीत होगी, ताकि बॉर्डर पर शांति स्थापित हो सके। पिछल दौर की वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और संचार को बनाए रखने के लिए सहमति व्यक्त की थी। साथ ही चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए, अन्य लंबित मुद्दों के निपटारे पर जोर दिया था, ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखी जा सके। आठवें दौर की वार्ता के बाद एलएसी पर माहौल में काफी बदलाव आया है। इसका एक कारण इलाके में भारी बर्फबारी भी है। इस दौरान चीन की और से उकसाने वाला कोई कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन फिर भी भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है। मई 2020 में चीनी सैनिकों द्वारा सीमा के उल्लंघन के बाद से भारत ने हजारों सैनिकों को तैनात कर दिया। इसके अलावा भारत ने चीन के खिलाफ कई अक्रामक कदम उठाए, जिससे दोनों देशों रिश्ते काफी खराब हो गए। हाल ही में चीन ने एलएसी से दूर स्थित अपने कैंप से कुछ सैनिकों की वापसी की है। इसे चीन की ओर सैन्य तनाव को खत्म करने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
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