बीजिंग, । चीन सरकार ने अपने तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) को विदेशी जहाजों पर फायरिंग करने की अनुमति देने के साथ दक्षिण चीन सागर में एक नए शीत युद्ध को आमंत्रण दिया है। चीन के इस कानून के साथ यहां दक
षिण चीन सागर से सटे देशों और अमेरिका के साथ संघर्ष और तेज हो जाएगा। चीन का यह नया कानून सीधे तौर पर अमेरिका को चुनौती है। अमेरिका में जो बाइडन के सत्ता संभालते ही चीन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। आखिर क्या है चीन का नया कोस्ट गार्ड कानून। इस कानून के क्या होंगे अतंरराष्ट्रीय प्रभाव। किन देशेां पर पड़ेगा इसका सीधा असर। इस पर पड़ताल करती ये स्टोरी। दक्षिण चीन सागर और चीन दरअसल, चीन के इस कानून को दक्षिण चीन सागर के विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में जापान, कंबोडिया, फिलीपींस और वियतनाम के प्रत्यक्ष हित जुड़े हुए हैं। सामरिक और खनिज संपदा संपन्न इस सागर पर अमेरिका की भी गहरी दिलचस्पी है। उधर, चीन दक्षिण चीन सागर के 80 फीसद हिस्से पर अपना दावा पेश करता रहा है। चीन इस क्षेत्र पर लगातार अपनी धौंस जमाता रहा है। चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए हाल ही में अमेरिकी नौ सेना ने इस क्षेत्र में युद्धाभ्यास किया था। अमेरिका के बमवर्षक विमान B-52H ने इस क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन किया। इसके जवाब में चीन ने अपनी मिसाइलों की तस्वीर ट्वीट करते हुए अमेरिका को धमकाने की कोशिश की। दक्षिण चीन सागर का क्या है महत्व दक्षिण चीन महासागर अपनी भौगोलिक परिस्थिति के कारण चीन की नजर में है। यह सागर प्रशांत महासागर के पश्चिमी किनारे से सटा हुआ है। यह एशिया के दक्षिण पूर्व में पड़ता है। इस सागर का पूर्वी तट वियतनाम और कंबोडिया से जुड़ा हुआ है। इसके पश्चिमी तट पर फिलीपींस है। इसके उत्तर में इंडोनेशिया के द्वीप हैं। कई देशों से जुड़े होने के अलावा यह दुनिया का सबसे ज्यादा व्यस्त जलमार्गों में से एक है। इस समुद्री मार्ग से प्रति वर्ष 5 ट्रिलियन डॉलर मूल्य का व्यापार होता है। यह दुनिया के कुल समुद्री व्यापार का करीब 20 फीसद है। इस सागर से चीन का सर्वाधिक व्यापार होता है।
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