मोमबत्तियां जलाकर रात गुजारते हैं ग्रामीण, पढ़ते हैं बच्चे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम राजूद्दीन व सबीला ने लिखी चिट्ठी पुष्पेंद्र शर्मा ,फिरोजपुर झिरका:- राजधानी दिल्ली से महज 100 कि
ोमीटर दूर अभी भी मेवात का एक ऐसा गांव है जहां बिजली नहीं है। जबकि गांव की आबादी 1000 को पार कर चुकी है। मौजूदा वक्त में गांव के अंदर 400 मतदाता है। हम बात कर रहे हैं। देश के सबसे पिछड़े जिले मेवात के गांव भूडबास की। यहां पर एक प्राईमरी, एक मिडिल स्कूल और एक आंगनवाड़ी केंद्र मौजूद है। इनमें बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। विडंबना है कि आज तक गांव में बिजली का कोई ट्रांसफार्मर नहीं है। यह गांव खंड नगीना की ग्राम पंचायत मुलथान का हिस्सा हैं। भूडबास गांव में मौजूदा सरपंच नसीम अहमद व पूर्व सरपंच चौधरी सोहराब खान का घर भी है। यहां ब्लाॅक पंचायत समिति के सदस्य इस्लामुद्दीन उर्फ कल्लू भी रहते हैं। ग्रामीण बताते है कि वे मोमबत्तियां जलाकर रात गुजारने को मजबूर है। हमारे बच्चे मोमबत्तियां के सहारे किताबेें पढ़ते है।देश को आजादी मिले 75 साल हो गए लेकिन हमारे भूडबास गांव में एक बिजली का ट्रांसफार्मर नहीं लग सका, यह कैसी आजादी है। हालांकि बिजली निगम से ग्रामीणों ने 26 बिजली के कनेक्शन भी लगवा लिए हैं फिर भी कोई ट्रांसफार्मर नहीं लगा है। पिछले 21 अक्तूबर 2020 को मेवात क्षेत्र के जानेमाने सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजूद्दीन घागस ने नगीना बिजली उपमंडल अधिकारी को शिकायत देकर गांव भूडबास में एक ट्रांसफार्मर लगाने की रखी थी। जिस पर 6 नवंबर 2020 को एक इस्टीमेट बनाया गया। नूंह दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता ने 18 नवंबर 2020 को 6 बिंदूओं पर रिपोर्ट मांगी थी। जो अभी तक नगीना एसडीओ की तरफ से नहीं भेजी गई है। इस मामला में मेवात क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता सबीला व राजूद्दीन ने 9 जनवरी 2021 को हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को पत्र लिखकर भूडबास में एक बिजली टंकी लगाने का मुद्दा उठाया। नाराज ग्रामीणों ने 10 जनवरी को धरना देने का ऐलान कर दिया। सिलसिले में 20 जनवरी को बड़कली चौक पर सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई मंच व मौजी खान फाउंडेशन की तरफ से भूख हड़ताल की गई। इधर 21 जनवरी को एक शिकायत ग्रामीणों की तरफ से सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है। वैसे इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ग्रामीणों के संपर्क बृहस्पतिवार को किया है। गांव के सरपंच नसीम अहमद ने बताया कि मेरे गांव में बिजली निगम का एक भी ट्रांसफार्मर उपभोक्ताओं के लिए नहीं लगा है। दर्जनों बार ट्रांसफार्मर लगाने के लिए आवेदन दे चुके हैं। विभाग का कोई भी अधिकारी जिले में कार्रवाई नहीं कर रहा। मजबूरी में सामाजिक संगठनों का साथ ग्रामीणों ने लिया है। मुख्याध्यापक चांद बाबू ने बताया कि भूडबास के राजकीय प्राथमिक पाठशाला व राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। कई बार स्कूलों की तरफ से नए ट्रांसफार्मर के लिए शिकायतें दी गई है। नूंह दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यकारी अभियंता खेमचंद चौहान ने बताया कि भूडबास गांव में एक ट्रांसफार्मर लगाने के लिए रिपोर्ट मांगी गई है। जल्दी ही बिजली ट्रांसफार्मर लगा दिया जाएगा।
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