डोरीलाल गोला बृज के ऐतिहासिक मंदिर चमेली वन धाम के आसपास हरे-भरे पेडों से भरी वनी को कुछ महिलाएं ईधन के नाम पर पूरी तरह से उजाडने में लगी हंै। महिलाएं ईधन के नाम पर इन हरे-भरे पेडों को काटकर इनक
तस्करी करने में लगी हैं। गांव भुलवाना के ग्रामीण जब इन महिलाओं से पेड काटने के लिए मना करते हैं तो यह महिलाएं उनपर तरह-तरह के आरोप लगा देंती हैं। ग्रामीणों ने इन महिलाओं की शिकायत कई बार जिला व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से की है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। प्रशासन की अनदेखी के कारण चमेलीवन धाम की पेडों से हरी-भरी वनी उजड कर रह जाएगी। गांव भुलवाना के निकट स्थित ऐतिहासिक चमेली वन धाम के चारों ओर हरे-भरे पेडों से भरी वनी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा इस वनी ने हजारों की संख्या में बंदरों को भी आसरा दिया हुआ है। श्रद्धालु हर रोज वनी में स्थित बंदरों के खाने की सामग्री लेकर जाते हैं और उन्हें खिलाकर पुण्य के भागेदारी बनते हैं। इसी वनी में हजारों की संख्या में कदम, नींव, चमेली के अलावा अन्य ओषधियों से संबंधित हरे-भरे पेड हैं। गांव भुलवाना निवासी प्रेमराज तंवर, ओमप्रकाश, सुनील कुमार, मोहित, मोहन, रवि, उदयपाल, भगतसिंह के अलावा अन्य लोगों ने बताया कि कुछ महिलाएं इस वनी में से ईधन के नाम पर हरे-भरे पेडों को काटकर ले जाती है और उन्हें घरों पर इकठ्ठा कर उनकी तस्करी करती है। उन्होंने बताया कि इन महिलाओं का कोई विरोध करता है तो यह उनपर आरोप लगाने से भी पीछे नहीं हटती। उन्होंने बताया कि अगर जल्दी इन महिलाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो वह दिन दूर नहीं जब वनी पूरी तरह से खाली हो जाएगी और यहां मौजूद हजारों की संख्या में बंदर बेसहारा हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है वहीं दूसरी ओर ईधन के नाम पर वनी से पेडों की जमकर तस्करी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इन महिलाओं की शिकायत जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन अधिकारियों से की है, लेकिन इस ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है। प्रशासन की इस ओर अनदेखी के कारण श्रद्धालुओं व ग्रामीणों ने भारी रोष व्याप्त है।
Comments