फतेहाबाद : किसान उत्पादक संगठन के गठन और संवर्धन की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया जाना है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय को दौगुनी करना निर्धारित किया ग
ा है। उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ की अध्यक्षता में आयोजित डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिग कमेटी बैठक में बागवानी विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त डॉ. बांगड़ को अवगत करवाया कि जिला फतेहाबाद में अब तक कुल 30 एफपीओ बन चुके हैं। जिसमें 21 बागवानी, 4 कृषि, 2 पशुपालन व डेयरी व एक मच्छली पालन विभागों के एफपीओ शामिल है। इनमें दो एफपीओ ने प्रोजेक्ट का कार्य शुरू कर रखा है। कृषि विभाग द्वारा एक ब्लॉक, एक फसल, एक एफपीओ के तहत जिले के सभी सात ब्लॉकों की फसल चुनी गई थी। जिस पर डीएलएमसी के सभी सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श किया गया कि भूना व नागपुर ब्लॉक में धान की फसल के स्थान पर नरमा व ऑयल सीड की फसलों के ब्लॉक बनाये जाने की प्राथमिकता रखी जाये। इस स्कीम के तहत समतल धरातल में 300 किसानों का एक ग्रुप बनाकर एफपीओ बनाया जायेगा। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि किसानों को धान की जगह बागवानी या अन्य नकदी फसलों के बारे में जागरूक करें, ताकि धान को छोड़कर दूसरी आमदनी वाली फसले अपनायें। इसके लिए पंचायती जमीनों पर प्रदर्शनी प्लॉट लगाकर किसानों को तकनीकी रूप से जानकारी दें, ताकि किसान धान की जगह अन्य फसलों को अपना सके। डीडीएम नाबार्ड पवन कुमार ने बताया कि हरियाणा में सैंट्रल सैंटर स्कीम (सीएसएस) के तहत एफपीओ बनाने का जो प्रोजेक्ट है, इसके क्रियान्वन के लिए चार एजेंसी निर्धारित हुई है, जिसमें नाबार्ड, लघु कृषक कृषि व्यापार संघ हरियाणा (एसएफएसीएच), लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) तथा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) हैं। इसके इलावा उन्होंने (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्चर फंड) व एआईएफ के बारे में विस्तार से बताया कि एफपीओ एआईएफ के तहत लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस बैठक में सीईओ जिला परिषद जयदीप सिंह, डीआरओ राजेश ख्यालिया, डीएचओ कुलदीप श्योराण, डीडीएच राजेश सिहाग, डीएम नाबार्ड पवन कुमार, जिला परियोजना समन्वयक लक्ष्मी रानी आदि मौजूद थे।
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