घटिया सामग्री से बनाए गए थे स्कूल के कमरे। पुन्हाना, कृष्ण आर्य उपमंडल के गांव सुनहेड़ा के सरकारी स्कूल के में पिछले लगभग छ: माह के अन्दर दूसरी बार एक अन्य कमरे की दीवार फिर से गिर गई। गनीमत यह
रही कि इस दौरान किसी भी बच्चे व अध्यापक को कोई चौट नहीं आई। स्कूल के जर्जर कमरों के चलते स्कूल के अध्यापकगण भी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि जर्जर कमरों की मरम्मत कराने के साथ ही स्कूल में नए कमरे बनवाए जाएं, ताकि यहां बिना किसी डर के बच्चों को पढाया जा सके। गांव सुनहेड़ा मिडिल स्कूल के मुख्याध्यापक धर्म सिंह ने बताया कि मंगलवार को सुबह जब वे स्कूल पहुंचे तो स्कूल में बने एक अन्य कमरे की दीवार गिरी हुई पाई गई। इससे पहले भी लगभग छ: माह पूर्व भी एक कमरा जर्जर अवस्था में होने के कारण गिर चुका है। उन्होंने बताया कि लगभग 10 वर्ष पहले ही इन कमरों का निर्माण हुआ था। जो कि बनने के कुछ समय बाद ही जर्जर होने शुरू हो गए थे। उन्होंने बताया कि स्कूल में कोई चौकीदार नहीं है। जिसके कारण अक्सर गांव के बच्चे स्कूल परिसर तें खेलते हैं। जिसके कारण कोई भी बड़ा हादसा कभी भी घटित हो सकता है। वहीं इस संबध में पुन्हाना खंड़ शिक्षा अधिकारी सद्दीक अहमद ने बताया कि कमरे की दीवार गिरने की सूचना उच्चअधिकारियों को दे दी गई है। जल्द ही कमेटी गठित का मामले की जांच कराई जाएगी। पहले भी गिर चुके हैं कमरे, नहीं हुई कोई कार्यवाही:- गांव सुनहेड़ा के स्कूल में कमरे की दीवार गिरने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले भी अगस्त 2020 में स्कूल के कमरे की दीवारें गिर चुकी हैं। जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कराई गई जांच में दीवार गिरने का कारण निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग बताया गया है। इसके अलावा दोषी अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही करने की भी सिफारिश उच्चअधिकारियों को की गई है। परंतु विभाग के अधिकारी अध्यापक की उंची पहूंच व भ्रष्टाचार के चलते मामले को दबाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो मामले को दबाने में शिक्षा विभाग के जिले के कुछ बड़े अधिकारी और चंड़ीगढ़ सचिवालय में बैठे एक कर्मचारी भी भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले कुछ ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ भी झूठी शिकायतें कर उनके खिलाफ फर्जी जांच कमेठी भी गठित करवाने की भी लगातार कोशिशें की जा रहीं हैं।
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