नारनौल, 20 जनवरी। जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार अब जिले के स्कूलों में भी जल जीवन मिशन के उद्देश्यों व पेयजल की गुणवत्ता के प्रति विद्याथिर्यों को जागरूक किया जाएगा। यह जानका
री देते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में 2022 तक हर घर नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए शासन व प्रशासन बड़ी तेजी से कार्य कर रहा है। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर बनी ग्राम जल एवं सीवरेज समितियों को भी जल जीवन मिशन की मुहिम के प्रति सक्रिय करने का कार्य लगातार जारी है। पिछले दिनों जहां जिले की ग्रामीण महिलाओं को एचटूएस किट के माध्यम से पेयजल की गुणवत्ता व पानी की जांच करने के प्रति प्रशिक्षित किया गया। वहीं अब जिले के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को पेयजल की गुणवत्ता के प्रति प्रशिक्षित व जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते जहां स्कूल बंद थे इसी वजह से भारत सरकार द्वारा दिया गया स्कूल की गतिविधियों का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। अब पिछले माह से स्कूल खुलने शुरू हो गये हैं व स्कूलों में बच्चों की संख्या में भी इजाफा होना शुरू हो गया है। बच्चों की पढाई बाधित ना हो इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के 200 स्कूलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की टीम स्कूलों में जाकर प्रधानाध्यापक की सहमति से कार्यक्रम आयोजित करेंगी ताकि पेयजल संबंधित जानकारी बच्चों तक पहुंचाई जा सके। साथ ही स्कूलों में जल संरक्षण व जल जीवन मिशन संबंधित पोस्टर मैकिंग, स्लोगन राईटिंग, भाषण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि भी आयोजित की जाएगी। इसके लिए विभाग के सभी बीआरसी को पत्र के माध्यम से एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा जा चुका है। हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचे व हर नल पर टूंटी लगी हो यह सुनिश्चित करना बच्चे-बच्चे की जिम्मेदारी है। साथ ही पेयजल की गुणवत्ता के प्रति भी बच्चा-बच्चा जागरूक हो ताकि पीने के पानी से कोई बीमारी ना पनपे। एच2एस किट वितरण व महिलाओं को पेयजल गुणवत्ता के प्रति जागरूक करने में जिला महेन्द्रगढ़ प्रथम स्थान पर है। जिला सहलाकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि वर्ष 2020-21 के वित्त वर्ष में जिले का कुल लक्ष्य 2873 एचटूएस वितरण का लक्ष्य था वहीं ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के ग्रास रूट वकर्स के 3200 का लक्ष्य था इसके एवज में जिले मे 3051 जीवाणु परीक्षण किट वितरित कर दिये वहीं 4487 ग्राम रूट वर्कर को प्रशिक्षित किया जा चुका है वहीं जिले की विभिन्न गांव की 2165 ग्रामीण महिलाओं को एचटूएस किट के माध्यम से पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। जो पूरे हरियाणा में फिलहाल प्रथम स्थान पर है।
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