डोरीलाल गोला दिल्ली-आगरा रोड पर अधिकारियों की सांठगांठ से कुछ प्राइवेट बसें ऐसी दौड रही हैं जो कि किराए के नाम पर दैनिक यात्रियों को दोनों हाथों से लूटने में लगे हैं। उक्त बस संचालक यात्रियो
ं से पैसे लेने के बाद उन्हें टिकट के अपने द्वारा छपवाई गई पर्चियां थमा देते हैं। अगर कोई यात्री इनसे कोई जबाव मांगता है तो यह उनसे झगडा करने को उतारू हो जाते हैं और यात्री को बस से नीचे उतार देते हैं। यात्रियों ने कई बार विभागीय व प्रशासनिक अधिकारियों से इन प्राइवेट बस चालकों की शिकायत की है, लेकिन आज तक भी इन प्राइवेट बस संचालकों की बढती तानाशाही पर कोई अंकुश नहीं लगा सका। नेशनल हाइवे दिल्ली से आगरा के मध्य में अधिकारियों की सांठगांठ से चल रही कुछ प्राइवेट बसों के कारण हरियाणा, यूपी व राजस्थान रोडवेज को रोजना लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। यह प्राइवेट बसों के संचालक दैनिक यात्रियों से मनचाहा किराया बसूल कर मोटा मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं। इन प्राइवेट बस संचालकों के पास ना तो प्रशासन की मंजूरी है और ना ही इन्होंने बसों में यात्रियों को बैठाने के लिए कोई लाइसेंस लिया हुआ है। इसके अलावा यह बस संचालक यात्रियों से किराया लेने के बाद उन्हें टिकट के नाम पर अपने द्वारा छपवाई गई पर्चियां थमा देते हैं। उक्त प्राइवेट बसों के संचालक दैनिक यात्रियों से मनमर्जी किराया बसूल रहे हैं और अगर कोई इन बस संचालकों की मनमर्जी पर जबाव मांगता है तो यह यात्री को बीच में ही बस से उतार देते हैं या फिर उस यात्री से झगडा करने को उतारू हो जाते हैं। दैनिक यात्री होडल निवासी प्रेमपाल ने बताया कि हरियाणा, यूपी व राजस्थान रोडवेज बसों में पलवल से होडल का किराया 30 रुपये हैं जबकि यह प्राइवेट बस संचालक यात्रियों से 40 से 50 रुपये बसूल रहे हैं। यात्री राकेश कुमार ने बताया कि बस संचालक किराया लेने के बाद टिकट के नाम पर उन्हें प्राइवेट पर्ची थमा देते हैं। यात्रियों ने बताया कि हाइवे पर बगैर परमिशन के दौड रही इन प्राइवेट बसों संचालकों की कई बार आरटीओ व प्रशासनिकअधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। क्या कहते हैं अधिकारी:- इस मामले में जिला आरटीओ सतेंद्र धुन का कहना है कि वह बसों के कागजातों को चैक कर बगैर मंजूरी के चल रही बसों के संचालकों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।
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