किसान आन्दोलन में पहुंच महिलाओं ने मनाया महिला किसान दिवस

Khoji NCR
2021-01-18 12:44:18

हथीन/माथुर: 54 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में पलवल बॉर्डर पर हजारों की संख्या में महिलाओं ने पहुंचकर महिला किसान दिवस मनाया। महिला दिवस की अध्यक्षता बुजुर्ग महिला हेमवती ने की तथा कार्यक्रम का

संचालन रामरति चौहान व सरोज देवी ने किया। इस मौके पर मोहना, औरंगाबाद, बंचारी, भिडूकी, गौडोता, बढा, चिरवाडी के सति अनेक गांवों की महिलाओं ने भजन सुनाए और गीत भी सुनाए। इस मौके पर वक्ताओं के तौर पर अपनी बात भी रखी। कार्यक्रम में उपस्थित महिला किसानों को संबोधित करते हुए महिला किसान नेताओं ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से लाखों किसान कडक़ड़ाती ठंड में दिल्ली की सीमाओं पर दिल्ली के सभी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनका एक ही संकल्प है कि या तो कृषि के तीनों काले कानून रद्द होंगे या फिर आंदोलन लड़ते-लड़ते हम सब शहीद हो जाएंगे। अब तक 70 किसानों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार इस सब की अनदेखी करते हुए तानाशाही पूर्वक ढंग से कानूनों को जोर जबरदस्ती से लागू करने पर उतारू है। किसानों की जो लड़ाई लड़ रहे हैं कृषि व्यवस्था को बचाने न्यूनतम समर्थन मूल्य हासिल करने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा, राशन वितरण प्रणाली पशुपालन तथा रोजगार व देश को बचाने की लड़ाई है। इस लड़ाई में किसान मजदूर महिला अधिकार भी शामिल है। इन कारपोरेट ट्रस्ट कानूनों से मंडी व्यवस्था राशन प्रणाली खाद्यान्नों के मामले में देश की आतम निर्भरता खत्म हो जाएगी। जमाखोरी व कालाबाजारी बढ़ेगी अनाज, दाल, खाद्य तेल, प्याज, आलू, जैसे खाद्य पदार्थों को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने के बाद से महंगाई आसमान छू रही है। इन कानूनों का सबसे ज्यादा असर गरीब व महिलाओं पर पडऩे वाला है। जैसे जैसे कानून अपना शिकंजा कसेंगे देश में भुखमरी और कुपोषण के हालात और ज्यादा भयानक होंगे महिला नेताओं ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में भाग लेने का और स्वयं ट्रैक्टर चलाने का आह्वान किया।

Comments


Upcoming News