भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के लिए की जा रही भरपूर कोशिशें, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

Khoji NCR
2021-01-18 12:26:19

नई दिल्‍ली, । केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार का कहना था कि कुछ कानूनी मसलो

के चलते ही इस मामले में देरी हो रही है। केंद्र सरकार की दलीलों को सुनने और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) की ओर से माल्या के प्रत्यर्पण की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगे जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) और न्‍यायमूर्ति अशोक भूषण (Ashok Bhushan) की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च तक के लिए मुल्‍तवी कर दी। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से सर्वोच्‍च अदालत को ब्रिटेन से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की स्थिति पर विदेश मंत्रालय के अधिकारी देवेश उत्तम का एक पत्र भी दिखाया गया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्‍च अदालत को बताया कि विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs, MEA) ने ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन की सरकार के साथ माल्‍या के प्रत्यर्पण का मसला उठाया है। यही नहीं भगोड़े शराब कारोबारी के प्रत्‍यर्पण के लिए केंद्र सरकार सभी गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। राजनयिक स्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर तक इस मामले को बार-बार देखा जा रहा है। उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission, यानी CIC) ने एक आरटीआइ को लेकर सीबीआई से पूछा था कि वह बताए कि किन नियमों के तहत विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अक्टूबर और नवंबर 2015 में दो अलग-अलग लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए थे। मालूम हो कि सीबीआई ने साल 2015 के नवंबर के अंतिम हफ्ते में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ नया लुक आउट नोटिस जारी किया था। माल्या मार्च, 2016 में चुपके से ब्रिटेन भाग गया था और तब से वह वहां ब्रिटेन सरकार के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।

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